मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस का महत्व हो रहा कम, सामने आए ये कारण
क्या है खबर?
मोबाइल फोन से संंबंधित सबसे बड़ा इवेंट मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (MWC) सोमवार से बार्सिलोना में शुरू हो रहा है। इस बार का MWC अभी तक आयोजित हुए पुराने इंवेट से अलग दिख सकता है।
इस आयोजन में चीनी ब्रांड्स के शक्ति समीकरण में बदलाव की शुरुआत देखी जा सकती है, जो वर्षों से MWC में हावी रहे हैं। स्मार्टफोन बाजार में टॉप पर भले ही अन्य कंपनियां हैं, लेकिन संख्या के मामले में चीन के ब्रांड आगे हैं।
प्रासंगिकता
MWC की प्रासंगिकता पर इसलिए उठ रहे सवाल
कई जानकार लोग MWC की प्रासंगिकता पर अब सवाल उठा रहे हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि अब अधिकतर स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने फोन की लॉन्चिंग उस फोन के लिए तैयार किए गए लॉन्च इवेंट के जरिए स्पेशल तरीके से करती हैं।
इससे पहले अधिकतर कंपनियां अपने प्रॉडक्ट की लॉन्चिंग MWC में करती थीं। हालांकि, MWC अभी भी एक प्रमुख व्यापार शो है, लेकिन अब कंपनियों की इसमें दिलचस्पी घटी है।
ऐपल
ऐपल नहीं लेता MWC में भाग
ऐपल की बात करें तो वह MWC में भाग लेता नहीं है और सैमसंग जैसी कंपनियां अलग-अलग मौकों पर अपने अनपैक्ड इवेंट्स के जरिए अपने फोन लॉन्च करती हैं।
जानकारों को हैरानी तब हुई जब ओप्पो ने भी हाल ही में अपने फाइंड N2 फ्लिप फोल्डेबल स्मार्टफोन को लॉन्च करने के लिए लंदन में अपना इवेंट आयोजित किया, जबकि उम्मीद थी कि यदि ओप्पो इसे MWC में लॉन्च करता तो MWC के लिए भी अच्छा होता।
विश्लेषक
नोकिया और LG के पतन का MWC पर असर
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक मोबाइल फोन बाजार में नोकिया, LG और हुआवेई के पतन से MWC भी प्रभावित हुआ है। दरअसल, ये कंपनियां अपने मोबाइल MWC में लॉन्च करती रही हैं।
मोबाइल इकोसिस्टम फोरम के CEO डारियो बेट्टी ने माना कि MWC उपभोक्ता उत्पादों के लिए प्रासंगिकता खो रहा है। कंपनियों को भी MWC में मोबाइल लॉन्च करना जोखिम भरा लगता है क्योंकि उस समय कई फोन एक साथ लॉन्च होते हैं, ऐसे में मुकाबला बढ़ जाता है।
सॉफ्टवेयर
स्मार्टफोन में नहीं दिखता कुछ नया
नए फोन में अधिकतर सिर्फ नए सॉफ्टवेयर अपडेट देखने को मिलते हैं, जबकि फोन का लुक, बनावट और डिजाइन सब पुराने जैसा ही होता है। ये चीज ऐपल और सैमसंग सहित अधिकांश कंपनियों के फोन में ही देखने को मिलती है।
इन कंपनियों के नए फोन लुक और डिजाइन में पुराने मॉडल जैसे ही होते हैं और सिर्फ सॉफ्टवेयर और फीचर नए हो जाते हैं।
यही कारण है कि लोग मानने लगे कि अब MWC में पहले वाली बात नहीं।
मंदी
मंदी के चलते पहले से ही घटी है स्मार्टफोन की बिक्री
इस साल MWC ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब वैश्विक मंदी और आर्थिक अनिश्चितताओं से मांग में कमी के चलते स्मार्टफोन की बिक्री पहले से ही कम है।
स्मार्टफोन शिपमेंट में साल दर साल लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। शोध फर्म IDC ने इसे एक तिमाही में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट बताया है। एक बात यह भी है कि पहले के फोन की तुलना में अब स्मार्टफोन में बहुत कुछ नया भी नहीं है।