डोनाल्ड ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट 2 साल बाद बहाल
क्या है खबर?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लौट आए हैं।
दरअसल, जनवरी, 2021 में कैपिटल हिल विद्रोह के मद्देनजर भड़ाकऊ ट्वीट और पोस्ट करने को लेकर ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने ट्रंप के अकाउंट पर पाबंदी लगा दी थी।
अब दो साल बाद मेटा ने ट्रंप के फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट्स को बहाल कर दिया है। मेटा ने कुछ समय पहले ही ट्रंप के अकाउंट्स बहाल करने की जानकारी दी थी।
ट्रंप
ट्रंप की वापसी को इस लिहाज से माना जा रहा है महत्वपूर्ण
अकाउंट्स बहाल किए जाने के मेटा के फैसले पर ट्रंप या किसी आधिकारिक व्यक्ति ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, मेटा का यह फैसला ट्रंप के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप की दावेदारी को इस बार खास लोकप्रियता नहीं मिल पाई है। यही वजह है कि दो बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी वापसी को मतदाता तक पहुंच और फंड इकट्ठा करने के लिए अहम माना जा रहा है।
बयान
मेटा ने कही यह बात
ट्रंप के अकाउंट्स को पहले "अनिश्चित" समय के लिए बैन किया गया, लेकिन ओवरसाइट बोर्ड ने इसकी अलोचना की, जिसके बाद बैन की सीमा दो साल कर दी गई थी।
मेटा ने इस फैसले को 'असाधारण परिस्थितियों में असाधारण फैसला' बताया था और उनके अकाउंट्स को "अनिश्चित" समय के लेबल के साथ बैन किया गया था।
मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने कहा, "जनता को पूर्व राष्ट्रपति और घोषित उम्मीदवार को सुनने में सक्षम होना चाहिए।"
मेटा
नियम तोड़ने पर फिर से बंद किया जाएगा अकाउंट- मेटा
मेटा ने चेतावनी भी दी है कि यदि नियमों का उल्लंघन किया गया तो अकाउंट को फिर से एक महीने से लेकर दो साल तक के लिए बैन किया जा सकता है।
नागरिक अशांति के दौरान सार्वजनकि हस्तियों से निपटने के लिए कंपनी की नई नीति के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति को बार-बार नियमों के उल्लंघन जैसे अपराध करने पर कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।
नई नीति के तहत कंपनी भड़काऊ पोस्ट्स की रीच को कम कर सकती है।
चेतावनी
कैपिटल हिल हिंसा ने अमेरिका पर लगाया गहरा धब्बा
कैपिटल हिल दंगों के दौरान ट्रंप के पोस्ट स्पष्ट तौर पर मेटा की नीतियों का उल्लंघन नहीं कर रहे थे, लेकिन उससे हुई हिंसा के चलते उनका अकाउंट बैन किया गया था।
6 जनवरी, 2021 को उपद्रवियों की भीड़ ने वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल बिल्डिंग में उस समय घुस गई, जब अमेरिकी सीनेटर राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने के लिए मीटिंग कर रहे थे।
इस घटना ने अमेरिका की साख पर गहरा धब्बा लगाया था।