चंद्रयान-3 मिशन को अमेरिकी अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन पुरस्कार से किया गया सम्मानित
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले साल चंद्रयान-3 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। अब चंद्रयान-3 मिशन दल को अंतरिक्ष के क्षेत्र में उनकी खोज और योगदान के लिए अमेरिका में 2024 जॉन एल 'जैक' स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार सोमवार को कोलोराडो में वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के दौरान ISRO की ओर से ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्यदूत डीसी मंजूनाथ ने प्राप्त किया।
क्यों खास है यह पुरस्कार?
यह पुरस्कार अंतरिक्ष यात्री जॉन एल 'जैक' स्विगर्ट जूनियर की स्मृति में दिया जाता है, जो अंतरिक्ष फाउंडेशन के निर्माण के लिए प्रेरणास्रोतों में से एक थे। उन्होंने प्रसिद्ध अपोलो-13 चंद्र मिशन पर सेवानिवृत्त अमेरिकी नौसेना कप्तान जेम्स ए लवेल जूनियर और फ्रेड हैस के साथ काम किया था। अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन के लिए जॉन एल 'जैक' स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार अंतरिक्ष क्षेत्र में किसी कंपनी, अंतरिक्ष एजेंसी या संगठनों के संघ द्वारा की गई असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
स्पेस फाउंडेशन ने क्या कहा?
अंतरिक्ष फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश होने के नाते, ISRO द्वारा विकसित मिशन चंद्रयान-3 मानवता की अंतरिक्ष आकांक्षाओं को समझ और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों तक ले जाता है। बता दें, चंद्रयान-3 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। इस लैंडिंग के साथ अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया।