
पहलगाम हमले के बाद भारत ने तेज की निगरानी, 2026 तक 52 जासूसी सैटेलाइट होंगे तैयार
क्या है खबर?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ तनाव के बाद भारत सरकार ने देश में चल रहे सैटेलाइट सर्विलेंस प्रोजेक्ट को तेज कर दिया है।
इस हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने अपनी सीमाओं पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट के निर्माण की समयसीमा 4 साल से घटाकर 12 से 18 महीने कर दी है।
अनंत टेक्नोलॉजीज, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और अल्फा डिजाइन जैसी निजी कंपनियों को निगरानी सैटेलाइट बनाने का जिम्मा सौंपा गया है।
फायदा
तेजी से मिल सकेगी आतंकी हरकतों पर जानकारी
इस तेजी से भारत को सीमाओं पर होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी जल्द और सटीक मिल सकेगी।
निगरानी सैटेलाइट्स न सिर्फ आतंकी ठिकानों की पहचान करेंगी, बल्कि आपदा की स्थिति में राहत कार्यों में भी अहम मदद देंगे।
2026 तक 52 जासूसी सैटेलाइट तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक मजबूत डिजिटल दीवार का काम करेंगे और दुश्मन देशों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे।
भूमिका
निजी कंपनियों की भूमिका हुई और मजबूत
सरकार की इस योजना में निजी कंपनियों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है।
अनंत टेक्नोलॉजीज पहले ही चंद्रयान-3 जैसे मिशनों में योगदान दे चुकी है। अल्फा डिजाइन NavIC (नाविक) प्रणाली में ISRO की मदद कर चुकी है।
अब ये कंपनियां देश की सुरक्षा से जुड़े सैटेलाइट बना रही हैं। यह दिखाता है कि सरकार अब बड़े रक्षा प्रोजेक्ट्स में निजी क्षेत्र की भूमिका को अहम मान रही है और उन्हें बड़े-बड़े अनुबंध दे रही है।
लॉन्च
अनंत टेक्नोलॉजीज का सैटेलाइट जल्द होगा लॉन्च
हैदराबाद की निजी कंपनी अनंत टेक्नोलॉजीज द्वारा बनाया गया एक उन्नत निगरानी सैटेलाइट इस साल के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है।
यह सैटेलाइट रक्षा मंत्रालय के लिए तैयार किया जा रहा है और इसे ISRO के LVM3 रॉकेट या अमेरिकी कंपनी स्पेस-X के रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
यह सैटेलाइट सीमाओं पर दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने और देश की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।