Page Loader
ISRO का आदित्य-L1 नासा के पार्कर सोलर प्रोब मिशन से कैसे है अलग? 
आदित्य-L1 भारत का पहला सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन है

ISRO का आदित्य-L1 नासा के पार्कर सोलर प्रोब मिशन से कैसे है अलग? 

Oct 14, 2023
04:39 pm

क्या है खबर?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इसी साल 2 सितंबर को अपने आदित्य-L1 मिशन को लॉन्च किया है। आदित्य-L1 भारत का पहला सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन है, जिसके कम से कम 5 साल तक काम करने की उम्मीद है। इससे पहले नासा ने 12 अगस्त, 2018 को पार्कर सोलर प्रोब मिशन लॉन्च किया था। पार्कर सोलर प्रोब एक सुपर-फास्ट अंतरिक्ष यान है, जो 4.30 लाख मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करता है।

उद्देश्य 

आदित्य-L1 और पार्कर सोलर प्रोब के उद्देश्य

ISRO के आदित्य-L1 मिशन का लक्ष्य कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन और अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता जैसे मुद्दों को समझना है। आदित्य-L1 मिशन के उद्देश्यों में प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) का अध्ययन शामिल है। नासा का पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र, प्लाज्मा, ऊर्जावान कणों और सौर हवा का अध्ययन कर रहा है। बता दें कि पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के कोरोना में उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।

उपकरण

आदित्य-L1 और पार्कर सोलर प्रोब के उपकरण

आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान में 7 उपकरण हैं, जबकि पार्कर सोलर प्रोब में कुल 4 उपकरण हैं। इन उपकरणों की मदद से दोनों अंतरिक्ष एजेंसियां सूर्य के व्यवहार के बारे में ठीक तरह से जानकारी हासिल कर रही हैं। आदित्य-L1 मिशन और पार्कर सोलर प्रोब के बीच जमीन-आसमान का अंतर है, ISRO और नासा दोनों अलग-अलग उद्देश्यों पर नजर रखते हैं, लेकिन अंतिम लक्ष्य एक ही है, जो सूर्य का अध्ययन करना है।