
पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा CME, नासा ने सौर तूफान को लेकर जारी किया अलर्ट
क्या है खबर?
सूर्य के उत्तरी हिस्से में मौजूद एक सनस्पॉट में विस्फोट से हाल ही में कोरोनल मास इजेक्शन (CME) क्लाउड उत्पन्न हुआ था।
यह CME आज (17 सितंबर) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराया है। शुरुआत में इसके प्रभाव के कारण कोई सौर तूफान नहीं आया, लेकिन अगले कुछ घंटों में एक और CME पृथ्वी से टकरा सकता है, जिससे G1-श्रेणी के सौर तूफान के आने की आशंका जताई जा रही है।
यह सौर तूफान G2-श्रेणी में भी बदल सकता है।
सौर तूफान
पृथ्वी से कब टकरा सकता है सौर तूफान?
नासा के अनुसार, यह CME 19 सितंबर को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकता है, जिससे उसी दिन पृथ्वी पर सौर तूफान आ सकता है।
CME के पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने के कारण अमेरिका के कुछ राज्यों में लोगों को आकाश में रंगीन प्रकाश देखने को मिल सकता है, जिसे अरोरा भी कहा जाता है।
बता दें, हाल ही में सनस्पॉट में हुए विस्पोट के कारण दुनिया के कई हिस्सों में शॉर्टवेव रेडिओ ब्लैकआउट भी हुआ था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
सौर तूफान को उनके प्रभाव के आधार पर वैज्ञानिकों ने G1 से लेकर G5 तक कुल 5 श्रेणियों में बांटा है।
सौर तूफान सैटेलाइटों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर सकते हैं।
अत्यधिक शक्तिशाली होने पर ये पावर ग्रिड और पृथ्वी आधारित संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक्स को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बता दें कि G1-श्रेणी का सौर तूफान काफी हल्का होता है, लेकिन G5-श्रेणी का सौर तूफान काफी शक्तिशाली होता है।