गूगल AI डाटा सेंटर को परमाणु ऊर्जा से करेगी संचालित, बिजली खरीदने के लिए किया समझौता
गूगल ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए छोटे मॉड्युलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) से बिजली खरीदने का समझौता किया है। यह दुनिया का पहला कॉर्पोरेट समझौता है, जो SMR से बिजली खरीदेगा। गूगल 2030 तक पहला रिएक्टर चालू करने की योजना बना रही है और 2035 तक 6 से 7 रिएक्टरों से 500 मेगावाट बिजली खरीदेगी। इस समझौते की वित्तीय जानकारी और रिएक्टरों के स्थान का खुलासा नहीं किया गया है।
गूगल ने समझौते को लेकर क्या कहा?
गूगल के ऊर्जा और जलवायु के वरिष्ठ निदेशक माइकल टेरेल ने कहा, "हमें लगता है कि परमाणु ऊर्जा हमारी मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। स्वच्छ तरीके से और चौबीसों घंटे।" इस समझौते का मुख्य उद्देश्य गूगल के AI ढांचे के लिए एक स्थिर और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत प्रदान करना है, ताकि बढ़ते काम के भार को चलाने के लिए आवश्यक ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
बिजली की मांग बढ़ी
AI के कारण तकनीकी कंपनियों में बिजली की मांग बढ़ रही है। गूगल अकेली कंपनी नहीं है, जो परमाणु ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। इस साल, अमेजन ने टैलेन एनर्जी से परमाणु डाटा सेंटर खरीदा और माइक्रोसॉफ्ट ने थ्री माइल आइलैंड के रिएक्टर को दोबारा शुरू करने के लिए समझौता किया। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, 2023 से 2030 के बीच, अमेरिका के डाटा सेंटर की बिजली की खपत 3 गुना बढ़ जाएगी, जिससे नई ऊर्जा क्षमता की आवश्यकता होगी।