मेघालय: हिंसा के बीच शिलॉन्ग में कर्फ्यू, गृह मंत्री ने दिया इस्तीफा
मेघालय में एक पूर्व उग्रवादी नेता की मौत के बाद भड़की हिंसा के बीच गृृह मंत्री लखमेन रिंबई ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सरेंडर कर चुके इस उग्रवादी की मौत के पीछे का सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच की मांग की है। दरअसल, प्रतिबंधित हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) के महासचिव चेरिस्टरफील्ड थांगखियू को पुलिस ने दो दिन पहले एक एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद से राज्य में तनाव बना हुुआ है
रिंबई ने उग्रवादी नेता की मौत पर जताई हैरानी
रिंबई ने अपने इस्तीफे में थांगखियू की मौत पर हैरानी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाते हुए उनका इस्तीफा स्वीकारने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इससे निष्पक्ष जांच में मदद मिलेगी और इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। रिंबई ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के साथ बातचीत के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। रिंबई यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं, जो मुख्यमंत्री संगमा की पार्टी के साथ सरकार में सहयोगी है।
पुलिस ने कहा- जवाबी फायरिंग में लगी गोली
पुलिस का कहना है कि पिछले सप्ताह शिलॉन्ग में हुए IED धमाके में थांगखियू की भूमिका थी और 13 अगस्त को 'जवाबी फायरिंग' में उसे गोली लगी थी। इस घटना के बाद से राज्य में प्रदर्शन जारी है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने थांगखियू की 'नृशंस हत्या' की है। स्थानीय लोगों ने भी पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों ने थांगखियू के लिए न्याय की मांग करते हुए शिलॉन्ग में पोस्टर लगाए हैं।
खतरनाक उग्रवादियों में गिना जाता था थांगखियू
54 वर्षीय थांगखियू को मेघालय के सबसे खतरनाक उग्रवादियों में गिना जाता था। वह HNCL का संस्थापक महासचिव था और उसने अक्टूबर, 2018 में उप मुख्यमंत्री के सामने सरेंडर किया था। पुलिस का कहना है कि उसने पर्याप्त सबूतों के साथ अभियान शुरू किया था। जब पुलिस टीम ने उसके घर के भीतर जाने का प्रयास किया तो उसने भागने की कोशिश में पुलिसकर्मियों पर चाकू से हमला किया था। जवाब में पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गई।
शिलॉन्ग में लगा कर्फ्यू
रविवार को थांगखियू के अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इसी बीच राज्य सरकार ने चार जिलों में दो दिनों के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद करते हुए शिलॉन्ग में कर्फ्यू लगा दिया। सरकार ने खराब होती कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए यह फैसला किया है। इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद रिंबई ने अपना इस्तीफा सौंप दिया और एनकाउंटर की जांच कराने की मांग की।
मुख्यमंत्री के आवास पर फेंका गया पेट्रोल बम
रविवार रात अज्ञात लोगों ने शिलॉन्ग के थर्ड माइल स्थित मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा के निजी आवास पर पेट्रोल बम फेंक दिया। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना रविवार रात करीब 10:30 बजे की है, जब वाहन में सवार होकर आए उपद्रवियो ने मुख्यमंत्री के निजी आवास पर पेट्रोल बम फेंक दिया। इससे मामूली आग लगी, जिसे चौकीदार ने बुझा दिया। राहत की बात यह है कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।
गाड़ियों को किया आग के हवाले
तनाव के बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें उपद्रवी गाड़ियों में तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी करते नजर आ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि उपद्रवियों ने पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जा रही एक SUV को आग के हवाले कर दिया है। भीड़ से घिरने के बाद इसमें सवार पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर भाग गए। इसके बाद उपद्रवियों ने इसे आग के हवाले कर दिया।