एंड्रॉयड डिवाइसेज में ऐप इंस्टॉल और ओपन करना होगा पहले से तेज
एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए बेशक गूगल प्ले स्टोर पर लाखों ऐप्स उपलब्ध हैं लेकिन बहुत कम ऐसी ऐप्स हैं, जिनका साइज कम है। ऐसी ऐप्स डिवाइस में ढेर सारा स्टोरेज स्पेस इस्तेमाल करती हैं और डाटा प्लान पर भी बुरा असर डालती हैं। इन ऐप्स को डाउनलोड करने में काफी वक्त लगता है। गूगल इस दिक्कत को फिक्स करने के लिए ऐपल बंडल्स पर काम कर रही है। आइए इस बारे में ज्यादा जानते हैं।
एक ही ऐप के कई वर्जन्स
गूगल की ओर से नया ऐप बंडल्स सिस्टम लाया जाएगा, जिसके साथ डिवेलपर्स एक ही ऐप के मल्टिपल वर्जन्स तैयार कर सकेंगे। अलग-अलग डिवाइसेज के कन्फिगरेशंस के हिसाब से उनके हिसाब से सही वर्जन प्ले स्टोर से डिवाइस में डाउनलोड हो जाएगा। इस तरह अलग-अलग डिवाइसेज पर एक ही हैवी APK फाइल के बजाय अलग-अलग एंड्रॉयड फोन्स में ऐप के अलग-अलग वर्जन डाउनलोड होंगे, जिससे यूजर्स को बेस्ट एक्सपीरियंस मिले।
तेजी से खुल जाएंगी ऐप्स
गूगल अपने यूजर्स के लिए ऐप को इंस्टॉल करने और खोलने की प्रक्रिया भी आसान बनाना चाहती है। इसके लिए नए 'ऐप इंस्टॉल ऑप्टिमाइजेशन' को प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनाया जाएगा। एंड्रॉयड पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी इस बात की स्टडी करेगी कि सबसे पहले बार ऐप ओपन करने के बाद यूजर्स ने उसका कौन का हिस्सा इस्तेमाल किया। इस डाटा का इस्तेमाल और ऐप अपडेट्स यूजर्स के लिए बेहतर बनाए जाएंगे और इसका असर ऐप-लॉन्च प्रोसेस पर भी पड़ेगा।
ऐसे काम करेगा ऐप इंस्टॉल ऑप्टिमाइजेशन
जब आप कोई ऐप पहली बार ओपन करेंगे, गूगल मॉनीटर करेगा कि ऐप का कौन सा हिस्सा आपने इस्तेमाल और कौन सा नहीं। उदाहरण के लिए, ज्यादातर यूजर्स इंस्टाग्राम डाउनलोड करने के पहले 10 मिनट अपना प्रोफाइल सेटअप करने और दोस्तों को खोजने में बिताते हैं। चूंकि ज्यादातर यूजर्स ऐसा करते हैं कि प्ले स्टोर ऐप का उतना हिस्सा पहले डाउनलोड कर देगा और ओपन करेगा। ऐप का बाकी हिस्सा कनेक्शन स्ट्रॉन्ग होने पर बैकग्राउंड में डाउनलोड हो जाएगा।
बेहतर हो जाएगा रिसोर्स मैनेजमेंट
इस तरह जुटाए गए डाटा का इस्तेमाल डिवाइसेज का रिसोर्स मैनेजमेंट बेहतर करने के लिए किया जाएगा। पूरी ऐप को रैम में ओपन करने के बजाय इसे हिस्सों में लोड किया जाएगा, जिससे कम प्रोसेसिंग पावर की जरूरत होगी। गूगल ने साफ किया है कि मौजूदा प्राइवेसी पॉलिसी के साथ सिर्फ उतना ही डाटा जुटाया जाएगा, जितना जरूरी है। ऐप से बाहर के डाटा और ऐक्टिविटी या यूजर्स के पर्सनल डाटा का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिससे प्राइवेसी बनी रहे।