बोइंग का संचार उपग्रह कक्षा में टूटा, इन देशों में पड़ा असर
क्या है खबर?
एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग का बनाया गया एक संचार उपग्रह कक्षा में टूट गया है और इसे टोटल लॉस घोषित कर दिया है। इससे यूरोप, अफ्रीका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के ग्राहक प्रभावित हुए हैं।
उपग्रह के संचालक इंटेलसैट ने iS-33e उपग्रह के कारण हुए नुकसान की पुष्टि की है।
इस घटना ने बोइंग की मुश्किल और बढ़ा दी है, जो पहले से ही वाणिज्यिक विमान व्यवसाय पर हड़ताल और स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के साथ समस्याएं जैसी परेशानियों से घिरी है।
टुकड़े
उपग्रह के सटीक टुकड़ों का नहीं चला पता
संचार उपग्रह iS-33e को लेकर इंटेलसैट का कहना है कि उसने घटना का व्यापक विश्लेषण पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं।
उपग्रह के विघटन से प्राप्त मलबे के टुकड़ों की सटीक संख्या अभी भी अज्ञात है, लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग की अंतरिक्ष-ट्रैकिंग वेबसाइट स्पेसट्रैक ने घटना की पुष्टि की है।
उसने कहा है कि वह उपग्रह के लगभग 20 टुकड़ों पर नजर रख रहा है, जबकि एक्सोएनालिटिक सॉल्यूशंस ने 57 टुकड़ों की निगरानी करने का दावा किया है।
समस्या
लॉन्च के समय ही आ गई थी समस्या
2016 में लॉन्च किया गया iS-33e उपग्रह पूरे यूरोप, एशिया और अफ्रीका में संचार सेवा को सक्षम करने वाला उपग्रह था।
हालांकि, लॉन्च के तुरंत बाद इसमें प्रोपल्शन की समस्या उत्पन्न हो गई, जिससे कक्षा में इसके प्रवेश में देरी हुई।
2017 में एक बार फिर प्रोपल्शन की समस्या के कारण इसके 15 साल के जीवनकाल को लगभग 4 साल कम कर दिया। इससे पहले 2019 में बाइंग के Intelsat 29e को 'टोटल लॉस' घोषित किया गया था।