साइबर अपराधियों ने 2021 में चोरी की 1,039 अरब रुपये कीमत की क्रिप्टोकरेंसी- रिपोर्ट
सारी दुनिया इंटरनेट इस्तेमाल कर रही है और अब तो इंटरनेट ने खुद की करेंसी भी तैयार कर ली है, ऐसे में साइबर अपराधी भला कहां पीछे रह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नए ट्रेंड का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी इंटरनेट यूजर्स को निशाना बनाते हुए उनकी डिजिटल करेंसी चुरा रहे हैं। नई रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले साल दुनियाभर में स्कैमर्स और साइबर अपराधियों ने 14 अरब डॉलर कीमत की क्रिप्टोकरेंसी साफ कर दी।
रिसर्च फर्म चेनालिसिस ने दी जानकारी
रिसर्च फर्म चेनालिसिस ने नई रिपोर्ट में बताया कि स्कैमर्स ने 2021 में 14 अरब डॉलर (करीब 1,039 अरब रुपये) कीमत की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की। साल 2020 में यह आंकड़ा 7.8 अरब डॉलर का था, यानी कि एक साल में 79 प्रतिशत ज्यादा मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी स्कैमर्स और साइबर अपराधियों ने चोरी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट यूजर्स से चुराई गई करीब 10 अरब डॉलर कीमत की क्रिप्टोकरेंसी अब भी स्कैमर्स और अपराधियों के पास है।
अटैकर्स ने डिसेंट्रलाइज फाइनांस को बनाया निशाना
पिछले साल क्रिप्टोकरेंसी के साथ डिसेंट्रलाइज फाइनांस (DeFi) में निवेश करने वाले यूजर्स बढ़े क्योंकि यह पुराने बैंकिंग सिस्टम से अलग है और किसी एक संस्था से नियंत्रित नहीं होता। अटैकर्स ने ऐसे ही यूजर्स को फंसाया जो ज्यादा फायदे के लालच में बिना सोचे-समझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को तैयार थे। रिपोर्ट उनके लिए भी चेतावनी है, जो क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़े निवेश के बारे में नहीं जानते लेकिन अपनी कमाई इसपर लगाने का रिस्क ले रहे हैं।
नौ गुना से ज्यादा बढ़ा DeFi लेनदेन
चेनालिसिस के मुताबिक, साल 2021 में DeFi लेनदेन की संख्या इससे पिछले साल के मुकाबले 912 प्रतिशत तक बढ़ गई। फर्म ने एनुअल क्रिप्टो क्राइम रिपोर्ट में लिखा, "DeFi बड़े क्रिप्टोकरेंसी इकोसिस्टम का बेहद सक्रिय हिस्सा है, जहां क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स को ढेरों मौके और कमाने के तरीके नजर आते हैं।" फर्म ने लिखा, "जिन वजहों से DeFi में निवेश करने वालों के पास कमाई के मौके हैं, वही वजहें निवेशकों को स्कैम और क्रिप्टो चोरी का शिकार बना सकती हैं।"
'रग पुल' केस में लुटी करोड़ों की क्रिप्टोकरेंसी
दिसंबर में चेनालिसिस ने अपनी दूसरी रिपोर्ट में कहा था कि कम से कम 36 प्रतिशत विक्टिम्स ने 2.8 अरब डॉलर (करीब 280 करोड़ रुपये) 'रग पुल' केसेज में गंवाए हैं। रग पुल उन मामलों को कहा जाता है, जिनमें कोई क्रिप्टो डिवेलपर प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद निवेशकों से मिलने वाला फंड लेकर भाग जाता है। फर्म ने बताया कि 2020 के मुकाबले 2021 में रग पुल के चलते क्रिप्टो स्कैम्स 81 प्रतिशत तक बढ़े।
स्क्विड गेम से प्रेरित क्रिप्टो ने लूटे लाखों डॉलर
नवंबर, 2021 में नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'स्क्विड गेम' से प्रेरित एक क्रिप्टोकरेंसी चर्चा में आई। इसमें निवेश करने वालों के लाखों डॉलर चंद घंटों में साफ हो गए और इसकी वैल्यू जीरो पर पहुंच गई। क्रिप्टो डाटा ट्रैकिंग साइट कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक, स्क्विड टोकन की वैल्यू 628 डॉलर से 2,856 डॉलर तक बढ़ी लेकिन पांच मिनट बाद इसे 0.0007 डॉलर में ट्रेड किया गया। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराध रोकने के लिए भी कई देशों की सरकारों ने प्रयास किए।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत सरकार, RBI और SEBI इसमें निवेश को 'हाई रिस्क' एरिया मानते हुए लोगों को चेतावनी दे रही हैं। इसके अलावा भारत में प्राइवेट और अनियोजित क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग सकता है और माना जा रहा है कि सरकार इससे जुड़े नियम बना सकती है।