
अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाएगा चीन, किया पहले चरण का रॉकेट परीक्षण
क्या है खबर?
चीन ने चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए डिजाइन किए गए रॉकेट का पहले चरण का सफल परीक्षण कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग के फेंगताई जिले में लॉन्ग मार्च-10 रॉकेट के पहले चरण के परीक्षण को 14 जून को किया गया।
चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी (CALT) ने अपने वीचैट चैनल के माध्यम से बताया कि परीक्षण सामान्य रूप से शुरू हुआ, स्थिर रूप से संचालित हुआ और निर्धारित समय पर बंद हो गया।
परीक्षण
3 इंजन के साथ हुआ परीक्षण
रॉकेट के 5 मीटर व्यास में 3 YF-100K केरोसिन-तरल ऑक्सीजन इंजन लगाए गए थे। पूरे लॉन्ग मार्च-10 के पहले चरण को 7 ऐसे इंजनों द्वारा संचालित किया जाएगा।
लॉन्ग मार्च-10 में कुल 3 चरण शामिल होंगे। पहले चरण में 3 कोर का उपयोग किया जाएगा। टेकऑफ के समय इसका भार 2,189 टन होगा और टेकऑफ थ्रस्ट लगभग 2,678 टन होगा। इसे पृथ्वी-चंद्रमा ट्रांसफर ऑर्बिट में 27 टन भार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
खासियत
क्यों खास है यह परीक्षण?
यह सफल परीक्षण 2030 से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने के चीन के लक्ष्य की दिशा में एक कदम है। अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाने और वापस लाने के लिए 2 लॉन्ग मार्च-10 लॉन्च का उपयोग किया जाएगा।
नासा का लक्ष्य वर्तमान में 2026 से पहले आर्टेमिस III के साथ मनुष्यों को एक बार फिर चंद्रमा पर उतारना है। यह परीक्षण चीन के चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (CASC) के संस्थान 101 ने किया।