चंद्रमा पर खुदाई करेगी अमेरिकी कंपनी इंटरल्यून, हीलियम-3 के खनन की है योजना
क्या है खबर?
इंटरल्यून नामक अमेरिका की एक कंपनी चंद्रमा के प्राकृतिक संसाधनों का खनन करने और उन्हें पृथ्वी पर वापस बेचने वाली पहली निजी कंपनी बनने की कोशिश कर रही है।
स्टार्टअप ने कहा है कि वह शुरुआती चरण में चंद्रमा पर प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले हीलियम-3 के खनन पर ध्यान देगी। इस खनन को पूरा करने के लिए कंपनी 2028 तक चंद्रमा पर एक प्लांट लगाएगी और 2030 से खनन शुरू कर देगी।
मदद
नासा से मदद लेगी इंटरल्यून
इंटरल्यून के संस्थापक और ब्लू ओरिजिन के पूर्व अध्यक्ष रॉब मेयर्सन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा है कि कंपनी नासा के किसी भी आगामी वाणिज्यिक चंद्रमा मिशन में अपने हार्वेस्टर को चंद्रमा पर भेजेगी।
कंपनी ने इस सप्ताह घोषणा की कि उसने फंडिंग में 1.8 करोड़ डॉलर (लगभग 149 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इंटरल्यून का लक्ष्य भारी मात्रा में चंद्रमा की मिट्टी (रेजोलिथ) की खुदाई करना, उसे संशोधित करना और हीलियम-3 गैस निकालना है।
उपयोग
हीलियम-3 का क्या है उपयोग?
हीलियम-3 का उपयोग पृथ्वी पर क्वांटम कंप्यूटिंग, मेडिकल इमेजिंग में किया जा सकता है और यह कभी फ्यूजन रिएक्टरों के लिए ईंधन के रूप में काम आ सकता है।
बता दें, हीलियम-3 सौर हवाओं के वजह से चंद्रमा पर पहुंचती है और माना जाता है कि यह सतह पर मिट्टी में रह जाती है।
चंद्र हार्वेस्टर का उपयोग करके इंटरल्यून सतह पर चयनित स्थान पर हीलियम-3 का पता लगाने के लिए एक रोबोटिक लैंडर मिशन की योजना बना रही है।