बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम लगाएगा परमानेंट डिवाइस बैन, कभी नहीं कर पाएंगे गेमिंग
बैटल रॉयल गेम में हैकिंग रोकने के लिए बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम डिवेलपर क्राफ्टॉन ने कड़ा कदम उठाया है। क्राफ्टॉन ने कहा है कि अब चीटिंग या हैकिंग करने वालों के अकाउंट पर बैन लगाने के बजाय परमानेंट डिवाइस बैन लगाया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो एक बार डिवाइस पर बैन लगने के बाद उसकी मदद से दोबारा BGMI गेम नहीं खेला जा सकेगा। अब तक कंपनी केवल परमानेंट अकाउंट बैन लगा रही थी।
कंपनी ने आधिकारिक पोस्ट में दी जानकारी
क्राफ्टॉन ने आधिकारिक पोस्ट में 24 दिसंबर से किए जा रहे बदलाव की जानकारी दी। कंपनी ने लिखा, "सही गेमप्ले अनुभव देने के लिए और अवैध प्रोग्राम्स का इस्तेमाल रोकने के लिए हम चीटर्स को दी जाने वाली सजा में बदलाव की घोषणा कर रहे हैं। अब तक केवल अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाए जाते थे लेकिन अब मोबाइल डिवाइसेज पर भी बैन लगाया जाएगा जिससे सही गेमप्ले को ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सके।"
अकाउंट बैन करता रहा है गेम डिवेलपर
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम में इससे पहले तक चीटिंग करने वाले अकाउंट्स को गेम डिवेलपर की ओर से बैन कर दिया जाता था। अकाउंट बैन का मतलब था कि उससे दोबारा लॉगिन नहीं किया जा सकता था और उसके साथ गेम में की गई प्रोग्रेस भी खो जाती थी। हालांकि, हैकर्स या चीटर्स के पास दूसरा अकाउंट बनाकर गेमिंग शुरू करने का विकल्प तब भी होता था। डिवाइस बैन लगने के बाद दूसरा अकाउंट बनाकर गेमिंग नहीं की जा सकेगी।
परमानेंट डिवाइस बैन का मतलब क्या है?
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम खेलते वक्त चीटिंग टूल्स का इस्तेमाल करने की स्थिति में अकाउंट के बजाय अब डिवाइस को बैन किया जाएगा। यानी कि जिस डिवाइस पर गेमिंग करते वक्त प्लेयर्स ने चीटिंग की होगी, उसपर वे दोबारा BGMI गेम नहीं खेल पाएंगे। गेम को अनइंस्टॉल कर दोबारा इंस्टॉल करने या फिर VPN का इस्तेमाल करने जैसी तरकीबें भी ऐसी स्थिति में काम नहीं आएंगी। यानी कि बैन किए गए डिवाइस पर फिर कभी BGMI नहीं खेला जा सकेगा।
कई चीटिंग टूल्स का इस्तेमाल करते हैं हैकर्स
गेमिंग के दौरान हैकिंग करने वाले प्लेयर्स या चीटर्स ढेरों टूल्स का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें एमबॉट, स्पीड हैक्स और X-रे विजन शामिल हैं। इनकी मदद से गेमिंग के दौरान कुछ अतिरिक्त फायदे मिलते हैं, जबकि दूसरे प्लेयर्स ऐसा नहीं कर पाते। कंपनी ने कहा है, "अगर मोबाइल डिवाइस से किसी अवैध प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है तो नए सिक्योरिटी लॉजिक के साथ डिवाइस पर पूरी तरह बैन लगा दिया जाएगा।"
ऐसा करने पर लग सकता है परमानेंट बैन
ऐप स्टोर या प्ले स्टोर के बजाय किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट से गेम डाउनलोड किया है, तो आप पर बैन लग सकता है। इसके अलावा गेम का मॉडिफाइड (Mod) वर्जन इंस्टॉल करना और एक्सट्रा फीचर्स के साथ गेमिंग करना भारी पड़ सकता है। ध्यान रहे, मोबाइल पर गेमिंग के लिए आप किसी थर्ड-पार्टी टूल की मदद ना लें क्योंकि कंपनी इन्हें सपोर्ट नहीं करती। वहीं गेम में किसी यूजर पर शक होने पर आप उसे रिपोर्ट भी कर सकते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम भारत में PUBG मोबाइल पर लगे बैन के बाद लॉन्च किया गया। इस गेम का कोई भी सर्वर चीन में नहीं है और गेमर्स का सारा डाटा भारत और सिंगापुर के सर्वर्स में ही प्रोसेस किया जाता है।