चीन का चांग ई-6 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर क्या करेगा काम?
चीन का चंद्र मिशन चांग ई-6 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया है कि चांग ई-6 चंद्रमा के एटकेन बेसिन क्रेटर पर उतरा है। यह अभी तक का ज्ञात सबसे बड़ा क्रेटर है और ऐसा क्षेत्र है, जिसका पहले कभी सैंपल नहीं लिया गया। रोबोटिक अंतरिक्ष यान के पास अपने महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए केवल 14 दिन हैं।
क्या काम करेगा यह अंतरिक्ष यान?
चांग ई-6 अपने 14 दिन के समय सीमा के भीतर चंद्रमा के सतह पर ड्रिल करके सैंपल इकट्ठा करेगा। चांग ई-6 को सतह और उपसतह से 2 किलोग्राम तक चंद्र सामग्री को ड्रिल और उत्खनन करने के लिए रोबोटिक आर्म का उपयोग करना होगा। सैंपल को ठीक तरह से इकट्ठा करने के बाद उन्हें लैंडर पर लगे रॉकेट से अंतरिक्ष यान में भेजा जाएगा। यह सैंपल 25 जून के आसपास इनर मंगोलिया में पृथ्वी पर वापस आने की उम्मीद है।
क्यों खास है यह मिशन?
चांग ई-6 पृथ्वी की ओर मुख किए हुए चंद्रमा के सुदूर भाग पर उतरा, यह चंद्रमा का एक ऐसा क्षेत्र है जिसका पहले कभी सैम्पल नहीं लिया गया। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह मिशन सौर मंडल के प्रारंभिक विकास और अरबों साल पहले चंद्रमा को आकार देने वाली हिंसक बमबारी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, इटली, फ्रांस और पाकिस्तान जैसे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के पेलोड भी चांग ई-6 की यात्रा के दौरान डाटा एकत्र करेंगे।