गगनयान मिशन के लिए पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक पूरी, इससे क्या हासिल हुआ?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने गगनयान मिशन के लिए आज (21 अक्टूबर) पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। इस टेस्ट मिशन को सुबह 10:00 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था और इसका नाम टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट डिमॉन्सट्रेशन-1 (TV-D1) है। बता दें, ISRO ने इस टेस्ट मिशन को क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम के साथ एक नए टेस्ट व्हीकल से लॉन्च किया था।
क्या है टेस्ट मिशन का उद्देश्य?
TV-D1 मिशन के मुख्य उद्देश्य में क्रू मॉड्यूल को स्पेस में लॉन्च करना, उसे धरती पर वापस लाना और टचडाउन के बाद उसे रिकवर करना शामिल था। इसमें यह पता लगाया गया है कि अगर गगनयान मिशन के दौरान रॉकेट में कोई गड़बड़ी हो जाए तो अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे सुरक्षित निकाला जाएगा। उड़ान के समय कैप्सूल की गति मैक 1.2 (लगभग 1,400 किलोमीटर प्रति घंटे) थी और उसी समय क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन किया गया।
इस मिशन में क्या-क्या हुआ?
लॉन्च के बाद क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम 11.7 किलोमीटर की ऊंचाई पर टेस्ट व्हीकल से अलग हो गए। जब क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल सेपरेशन 16.6 KM की ऊंचाई पहुंच गए, तब इनके पैराशूट खुल गए। इसके कुछ मिनट बाद क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग बंगाल की खाड़ी में हुई, जिसे भारतीय नौसेना की टीम वर्तमान में ढूंढ रही है। क्रू एस्केप सिस्टम और टेस्ट व्हीकल के हिस्से समुद्र में डूब गए हैं।
ISRO प्रमुख ने मिशन को लेकर क्या कहा?
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने मिशन की सफलता पर कहा, "मैं बहुत प्रसन्नता के साथ यह बताना चाहता हूं कि TV-D1 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस मिशन का उद्देश्य गगनयान मिशन के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करना था। यह गगनयान मिशन की पूरी टीम के लिए एक बड़ा प्रशिक्षण है। मॉड्यूल की रिकवरी होते ही हम आगे अपडेट देंगे।" बता दें, ISRO ने पहली बार इस तरह का कोई मिशन पूरा किया है।
अन्य टेस्ट की भी है योजना
पहली टेस्ट फ्लाइट सफल रही और अब ISRO इसी के हिसाब से आगे की योजना बनाएगी। ISRO ने TV-D1 टेस्ट के बाद D2, D3 और D4 की भी योजना बनाई है। TV-D1 के समान TV-D2 टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन मिशन हैं, जिसे इसी साल लॉन्च किया जाएगा। वहीं TV-D3 और TV-D4 को 2024 में लॉन्च किया जाना है। 2024 की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला मानव रहित मिशन लॉन्च होगा, जिसमें इंसान की तरह दिखने वाली रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा।
गगनयान मिशन का क्या है उद्देश्य?
गगनयान मिशन को 2025 में हेवी-लिफ्ट लॉन्चर LVM-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए लो अर्थ ऑर्बिट में ले जाया जाएगा। मिशन के उद्देश्य में 2-3 अंतरिक्ष यात्रियों की टीम को पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट में ले जाना और वहां 3 दिन का समय बिताने के बाद उन्हें सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर वापस लाना शामिल है।