
ऐपल ने सरकारी स्पाइवेयर को लेकर दी चेतावनी, 100 देशों में यूजर्स को बनाया गया निशाना
क्या है खबर?
टेक दिग्गज कंपनी ऐपल ने कुछ लोगों को बताया है कि उन्हें सरकारी स्पाइवेयर से निशाना बनाया गया है।
ईमेल और टेक्स्ट मैसेज भेजकर यूजर्स को यह जानकारी दी गई है। कंपनी का कहना है कि यह मैसेज 100 देशों में भेजा गया है।
बता दें, इससे पहले भी ऐपल ऐसी चेतावनियां अपने यूजर्स को दे चुकी है। कंपनी ने यह नहीं बताया कि हमला किस स्पाइवेयर से हुआ, लेकिन उसने चेतावनी को गंभीरता से लेने को कहा है।
निशाना
पत्रकार और कार्यकर्ता बने हमले का निशाना
ऐपल की चेतावनी पाने वालों में इटली के पत्रकार सिरो पेलेग्रिनो और डच कार्यकर्ता ईवा व्लार्डिंगरब्रुक शामिल हैं। पेलेग्रिनो ने बताया कि उन्हें ऐपल से मंगलवार को मैसेज और ईमेल मिला।
व्लार्डिंगरब्रुक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि यह उन्हें डराने और चुप कराने की कोशिश है।
ऐपल का कहना है कि यह हमला उन पर उनके काम या पहचान की वजह से किया गया है।
हमले
पहले भी हुए हैं ऐसे स्पाइवेयर हमले
पेलेग्रिनो इस साल दूसरे इतालवी पत्रकार हैं, जो ऐसे हमलों का शिकार बने हैं।
फरवरी में व्हाट्सऐप ने उनके साथी फ्रांसेस्को कैंसेलाटो को भी चेतावनी दी थी। उस हमले में इजरायली कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस का नाम सामने आया था।
इसके अलावा, अप्रवासियों की मदद करने वाले 2 अन्य इतालवी कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया गया। सिटीजन लैब नाम की संस्था इन सभी मामलों की जांच कर रही है। पैरागॉन ने बाद में अपने इतालवी ग्राहक से रिश्ता तोड़ लिया था।
बचाव
ऐसे हमलों से कैसे बचें और शिकार होने पर क्या करें?
स्पाइवेयर से बचने के लिए हमेशा आईफोन और ऐप्स को अपडेट रखें, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात नंबरों से मिले मैसेज से सावधान रहें।
अगर ऐपल या व्हाट्सऐप जैसी कंपनियों से स्पाइवेयर की चेतावनी मिले, तो इसे नजरअंदाज न करें। किसी विश्वसनीय साइबर सुरक्षा संगठन, जैसे सिटीजन लैब या डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञ से संपर्क करें।
निजी जानकारी और कामकाजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और पासकोड का इस्तेमाल करें।