
पृथ्वी के अलावा और किन ग्रहों पर ग्रहण का चला है पता?
क्या है खबर?
अंतरिक्ष वैज्ञानिक सौरमंडल के विभिन्न ग्रहों की जानकारी जुटाने में लगातार जुटे हैं।
अलग-अलग अंतरिक्ष मिशनों और रोवरों की मदद से कई खगोलीय घटनाओं का पता चला है। इनमें सूर्य और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। अब तक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अलावा कई ग्रहों पर भी ग्रहण देखे हैं।
इन ग्रहों पर ग्रहण का असर और दिखने का तरीका पृथ्वी से अलग होता है। आइए जानते हैं अब तक किन ग्रहों पर ग्रहण का पता चला है।
मंगल
मंगल पर दिखे आंशिक सूर्यग्रहण
मंगल ग्रह पर 2 (फोबोस और डीमोस) चंद्रमा मौजूद हैं, जो आकार में छोटे हैं। जब ये चंद्रमा सूर्य के सामने आते हैं तो आंशिक ग्रहण की स्थिति बनती है।
नासा के क्यूरियोसिटी और ऑपर्च्युनिटी रोवर्स ने कई बार इन घटनाओं को रिकॉर्ड किया है। फोबोस कुछ सेकंड के लिए सूर्य के हिस्से को ढक देता है, जिससे वैज्ञानिकों को ग्रहण जैसी घटना समझ आती है।
ये दृश्य पृथ्वी पर दिखाई नहीं देते, लेकिन रोवर्स ने साफ तस्वीरें भेजी हैं।
बृहस्पति-शनि
बृहस्पति-शनि पर बड़े चंद्रमाओं की छाया ने बनाए ग्रहण
बृहस्पति के चंद्रमा आयो, यूरोपा, गैनीमीड और कैलिस्टो सूर्य के सामने आकर बृहस्पति की सतह पर बड़ी छाया बनाते हैं।
हबल टेलीस्कोप और गैलीलियो मिशन ने इन ग्रहणों को रिकॉर्ड किया है। शनि पर भी टाइटन और अन्य चंद्रमा सूर्य को ढककर ग्रहण बनाते हैं।
कैसिनी यान ने शनि की सतह पर टाइटन की गोल छाया को कैद किया था। ये ग्रहण कुछ मिनट से लेकर घंटों तक रह सकते हैं और वैज्ञानिकों के लिए काफी खास माने जाते हैं।
अन्य
यूरेनस-नेपच्यून पर भी हुई ग्रहण जैसी घटनाएं दर्ज
यूरेनस और नेपच्यून पर भी वैज्ञानिकों ने ग्रहण जैसी घटनाएं देखी हैं, लेकिन ये बहुत कम और दुर्लभ होती हैं। इनके चंद्रमा जैसे ट्राइटन और एरियल कभी-कभी सूर्य के सामने आ जाते हैं, जिससे ग्रह की सतह पर हल्की छाया बनती है।
वॉयेजर मिशनों और हबल दूरबीन से इन घटनाओं को पहचानने की कोशिश की गई है। हालांकि, इन ग्रहों की दूरी अधिक होने से स्पष्ट जानकारी कम है, फिर भी इनके ग्रहण जैसी घटनाओं के प्रमाण मिल चुके हैं।