
वैज्ञानिकों को पृथ्वी से अरबों किलोमीटर दूर ग्रह पर मिले जीवन के संकेत
क्या है खबर?
नासा ने 2015 में केपलर स्पेस टेलीस्कोप के K2 मिशन के दौरान K2-18b ग्रह की खोज की थी।
अब कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस पर नई और उत्साहित करने वाली जानकारी साझा की है। यह ग्रह हमसे करीब 112 लाख करोड़ किलोमीटर दूर है और एक छोटे लाल तारे की परिक्रमा करता है।
इसे जीवन योग्य क्षेत्र में माना जा रहा है, क्योंकि इसके वातावरण में कुछ ऐसे रसायन मिले हैं, जो पृथ्वी पर जीवन से जुड़े होते हैं।
खासियत
ग्रह की खासियत और दूरी
K2-18b ग्रह पृथ्वी के मुकाबले लगभग 2.5 गुना बड़ा है और एक ठंडे लाल बौने तारे के चारों ओर घूमता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके वातावरण में एक विशाल तरल पानी का महासागर छिपा हो सकता है, जो जीवन के लिए अनुकूल हो सकता है।
यह ग्रह जीवन योग्य क्षेत्र में आता है, यानी वहां का तापमान ऐसा हो सकता है कि पानी तरल रूप में मौजूद रहे, जो जीवन के लिए जरूरी शर्त मानी जाती है।
संकेत
जीवन के संकेत और गैसें
कैम्ब्रिज की टीम ने नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से K2-18b के वातावरण में 2 खास गैसें (डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS) पाई हैं।
पृथ्वी पर ये गैसें समुद्री बैक्टीरिया और फाइटोप्लैंकटन जैसे सरल जीवों द्वारा बनाई जाती हैं। इन संकेतों की 99.7 प्रतिशत संभावना है कि ये सही हैं।
अगर यह पुष्टि होती है, तो यह जीवन के मौजूद होने का अब तक का सबसे ठोस प्रमाण हो सकता है।
सवाल
अभी भी कई सवाल हैं बाकी
यहां जीवन के संकेत मजबूत हैं, लेकिन वैज्ञानिक इसे अंतिम पुष्टि नहीं मानते, क्योंकि इसके लिए 99.9999 प्रतिशत की वैज्ञानिक पुष्टि जरूरी होती है।
कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि यह ग्रह गैसीला हो सकता है और इसकी कोई ठोस सतह न हो, जिससे जीवन संभव नहीं होगा।
अब वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ये गैसें बिना जीवन के भी बन सकती हैं या नहीं। आने वाले 1-2 साल में स्थिति और साफ हो सकती है।