
कौन हैं रिंकू मजूमदार, जिनसे 60 वर्षीय भाजपा नेता दिलीप घोष करेंगे शादी?
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष अपने जीवन के 60 साल अविवाहित बिताने के बाद अब शादी करने जा रहे है। वे शुक्रवार यानी आज कोलकाता में 50 वर्षीय रिंकू मजूमदार के साथ सात फेरे लेंगे।
मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे घोष न्यू टाउन स्थित आवास में करीबी लोगों के बीच शादी करेंगे। भाजपा नेता की यह पहली शादी है।
आइए, जानते हैं कौन हैं रिंकू जिनके शादी के प्रस्ताव को घोष मना नहीं कर सके?
पहचान
कौन हैं रिंकू मजमूदार?
रिंकू मजूमदार एक तलाकशुदा महिला हैं। उनका एक 26 वर्षीय बेटा है, जो कोलकाता में ही IT सेक्टर में काम करता है। रिंकू भाजपा की महिला मोर्चा से जुड़ी हैं।
रिंकू और घोष की मुलाकात 2021 में पार्टी के एक कार्यक्रम में हुई थी, जिसके बाद वे दोस्त बने। पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद जब घोष उदास थे, जब रिंकू ने उनको शादी का प्रस्ताव दिया।
घोष रिंकू को मना कर चुके थे, लेकिन मां के आग्रह पर माने।
पल
घोष की शादी रोकने में सक्रिय था RSS?
लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे घोष की शादी से RSS और भाजपा का एक वर्ग इससे खुश नहीं था।
आनंद बाजार पत्रिका का कहना है कि संघ के 2 सदस्य घोष के घर भी गए थे, लेकिन घोष ने कहा कि अब फैसला हो चुका है और वे अपने फैसले पर अडिग हैं।
घोष और रिंकू और उनके बेटे के साथ 3 अप्रैल को ईडन गार्डन मैच देखने भी पहुंचे थे।
शादी
शादी में कौन-कौन होगा मौजूद?
18 अप्रैल को शाम 5:30 बजे घोष-रिंकू की शादी में दोनों परिवारों के सदस्य शामिल होंगे और कुछ खास दोस्तों को बुलाया गया है।
भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और महिला मोर्चा की महासचिव लॉकेट चटर्जी उनको बधाई देने पहंची थीं।
पार्टी में घोष और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के बीच अच्छे रिश्ते नहीं है, लेकिन अभी उनकी बधाई के बारे में जानकारी नहीं आई है।
शादी के बाद घोष के गृहनगर खड़गपुर में समारोह होगा।
पहचान
कौन हैं दिलीप घोष?
मेदिनीपुर में 1964 को जन्में दिलीप घोष शुरूआत में RSS से जुड़े रहे और 1999 से 2007 तक अंडमान और निकोबार के RSS प्रभारी रहे।
वे 2014 में भाजपा में शामिल हुए, जिसके बाद 2015 में अध्यक्ष बनाया गया।
जब वे भाजपा अध्यक्ष बने तब बंगाल में भाजपा अच्छे दौर में थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में 18 सीटें जीती थीं और घोष भी मेदिनीपुर से जीते थे।
हालांकि, 2024 में बर्धमान-दुर्गापुर से चुनाव हार गए।