कौन हैं हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उन्हें क्यों दी गई ये जिम्मेदारी?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बने हैं। मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफा देने के बाद आज उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भाजपा और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) का सत्तारूढ़ गठबंधन टूटने के बाद खट्टर और उनकी कैबिनेट ने इस्तीफा दिया है। सैनी 6 निर्दलीयों और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के समर्थन से सरकार चलाएंगे। आइए जानते हैं कि सैनी कौन हैं और उनका मुख्यमंत्री पद तक का सफर कैसा रहा।
किसान परिवार से संबंध रखते हैं सैनी
54 वर्षीय नायब सिंह सैनी का 25 जनवरी, 1970 को अंबाला जिले के मिर्जापुर गांव में जन्म हुआ था। वह एक किसान परिवार से आते हैं। पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ लॉ (LLB) किया है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के भी सदस्य रहे हैं और यहीं वे खट्टर के संपर्क में आए थे।
1996 से भाजपा से जुड़े हुए हैं सैनी
सैनी 1996 से भाजपा से जुड़े हुए हैं। 2002 में वे अंबाला में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महासचिव बने और ये उनकी पहली बड़ी जिम्मेदारी थी। इसके 3 साल बाद 2005 में ही वे युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बन गए। सैनी की तरक्की यहीं पर नहीं रुकी और वे 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महासचिव बने। इसके बाद 2012 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का जिला अध्यक्ष बना दिया।
कैसा रहा सैनी का चुनावी सफर?
सैनी ने अपने चुनावी सफर की शुरुआत 2009 में नारायणगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव लड़कर की, लेकिन इसमें उन्हें हार मिली। इसके बाद 2014 विधानसभा चुनाव में वे एक बार फिर यहां से मैदान में उतरे और जीतने में कामयाब रहे। इस जीत के बाद सैनी तेजी से सफलता की सीढ़ी चढ़े और 2016 में खट्टर सरकार में मंत्री बन गए। 2019 लोकसभा चुनाव में वे कुरुक्षेत्र सीट से लड़े और चुनाव जीतकर पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे।
मात्र 5 महीने में पहले प्रदेश अध्यक्ष और फिर मुख्यमंत्री बने सैनी
सैनी अक्टूबर, 2023 में हरियाणा भाजपा प्रमुख बने। उन्हें ये पद सौंपकर भाजपा ने एक बड़ा दांव चला और मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष में से एक पद पर एक जाट बैठाने के वर्षों पुराने चलन को तोड़ा। इससे पार्टी की आगे की रणनीति की एक झलक मिली। अब प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के मात्र 5 महीने के अंदर ही सैनी को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया है। इसके पीछे भी भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति है।
सैनी को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे भाजपा की क्या रणनीति?
सैनी हरियाणा में भाजपा का प्रमुख अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) चेहरा हैं। उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने गैर-जाट OBC वोटों को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश को धार दी है। जाटों के पार्टी से नाराज होने के कारण भाजपा पिछले कुछ चुनाव से राज्य में यही रणनीति अपना रही है। राज्य की लगभग 25 प्रतिशत आबादी जाट है और उनके समर्थन के बिना सरकार बनाना मुश्किल होता है। हालांकि, भाजपा इसमें सफल रही है।
सैनी को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे और क्या वजह?
हरियाणा में भाजपा की सफलता में OBC की अहम भूमिका रही है, लेकिन हालिया समय में जातिगत जनगणना की मांग को बार-बार उठाकर कांग्रेस ने OBC को अपनी तरफ करने की कोशिश की है। ऐसे में सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने OBC को लुभाने की कांग्रेस की कोशिशों को भी कुंद किया है। राज्य में सैनी समुदाय की खुद 8 प्रतिशत आबादी है और कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी में ये चुनावी नतीजों पर असर डाल सकते हैं।