नायब सिंह सैनी ने ली हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ, खट्टर की जगह ली
क्या है खबर?
नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बने हैं। आज शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सैनी कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद और हरियाणा भाजपा के प्रमुख हैं।
सैनी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह ली। खट्टर और उनकी पूरी कैबिनेट ने कुछ ही घंटे पहले इस्तीफा दिया था।
भाजपा और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) का सत्तारूढ़ गठबंधन टूटने के बाद खट्टर और कैबिनेट ने इस्तीफा दिया था।
अब भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार चलाएगी।
समीकरण
क्या है हरियाणा विधानसभा का गणित?
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के 30 और JJP के 10 विधायक हैं।
इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के एक-एक विधायक हैं, वहीं 7 निर्दलीय विधायक हैं।
अब भाजपा ने HLP और 6 निर्दलीयों के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इससे उसके पास 48 विधायकों का समर्थन हो गया है, जो 46 सीटों के बहुमत के आंकड़े से 2 अधिक है।
शख्सियत
कौन हैं नायब सिंह सैनी?
नायब सिंह सैनी हरियाणा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से ताल्लुक रखते हैं। उनको खट्टर का काफी खास माना जाता है।
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 से की। 2002 में वह अंबाला में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री बनाए गए। इसके बाद 2005 में जिला अध्यक्ष बने।
वह 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बने और 2012 में जिला अध्यक्ष पद पर काबिज हुए।
करियर
2014 में पहली बार बने विधायक
नायब सिंह ने 2010 में पहली बार नारायणगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन रामकिशन गुर्जर से हार गए थे। इसके बाद 2014 में जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2015 में वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए।
सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं। यहां उनका संपर्क खट्टर से हुआ था, जिसके बाद वह भाजपा से जुड़े थे।
2019 में दिए चुनावी हलफनामे के मुताबिक, सैनी के पास 33 लाख रुपये की संपत्ति है।
कारण
क्यों टूटा JJP और भाजपा का गठबंधन?
JJP भाजपा से हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में 2 सीटें मांग रही थी। वह हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीटों पर लड़ने की इच्छुक थी, लेकिन प्रदेश भाजपा उसे एक भी सीट नहीं देना चाहती और सभी 10 सीटों पर लड़ना चाहती है।
JJP अध्यक्ष चौटाला ने सोमवार को इस संबंध में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा भी की थी, जिसमें नड्डा ने साफ कर दिया कि भाजपा उन्हें एक भी सीट नहीं देगी।