हंगामा करने पर TMC के छह सांसद एक दिन के लिए राज्यसभा से निलंबित
सदन में हंगामा और अनुचित व्यवहार करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छह सांसदों को दिनभर के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने इन सभी सांसदों को आज दिनभर के लिए सदन से बाहर रहने को कहा है। TMC के ये सांसद पेगासस जासूसी कांड से संबंधित तख्तियां लेकर सदन में आए थे और बेल में जाकर हंगामा कर रहे थे। सभापति के कहने के बावजूद वे कार्यवाही को बाधित करते रहे।
इन सांसदों को किया गया निलंबित
TMC के जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें डोला सेन, नदीमुल हक, अबीर रंजन बिश्वास, शांता क्षेत्री, अर्पित घोष और मौसम नूर शामिल हैं। ये सांसद पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे। सभापति वेंकैया नायडू ने पहले तो उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा और जब वो नहीं माने तो नियम 255 का इस्तेमाल कर सदन से निलंबित करने की चेतावनी दी। अंत में उन्हें निलंबित कर दिया गया।
नायडू बोले- व्यापक सहमति के बाद ही किसी मुद्दे पर हो सकती है चर्चा
इस हंगामे और कार्रवाई के बाद सभापति नायडू ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बात की। इनमें प्रदर्शन कर रही पार्टियों के नेता भी शामिल रहे। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने NDTV को बताया कि नायडू ने नेताओं से कहा कि व्यापक सहमति के बाद ही सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। इस बीच ये खबर भी है कि TMC सांसदों के निलंबन के विरोध में विपक्षी सांसद लोकसभा का बहिष्कार कर सकते हैं।
पेगासस जासूसी कांड आदि मुद्दों पर संसद नहीं चलने दे रहा है विपक्ष
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानून जैसे मुद्दों पर विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा है और उसके हंगामे के कारण मानसून सत्र के एक भी दिन संसद में काम नहीं हो पाया है। विपक्ष की मांग है कि सरकार मानसून सत्र में पेगासस जासूसी कांड पर चर्चा करे, लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
मामले में न्यायिक और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है विपक्ष
विपक्षी पार्टियां पेगासस मामले में न्यायिक और निष्पक्ष जांच की मांग करती आ रही हैं। राहुल गांधी ने तो मामले में गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा है। सरकार ने मामले पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और वह इसे भारत को बदनाम करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश बताती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा सांसदों से संसद को न चलने देने के लिए कांग्रेस को बेनकाब करने को कहा है।
क्या है पेगासस जासूसी कांड?
पिछले महीने सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई या इसकी कोशिश की गई। इन लोगों में राहुल गांधी और प्रशांत किशोर समेत विपक्ष के कई नेता, मोदी सरकार के दो मंत्री, कई संवैधानिक अधिकारी और पत्रकार, अनिल अंबानी और CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा समेत कई नाम शामिल थे।