राजनीति में नहीं आएंगे रजनीकांत, पत्र लिख प्रशंसकों से मांगी माफी
हां-ना-हां-ना के एक लंबे दौर के बाद फिल्म स्टार रजनीकांत ने राजनीति में आने की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है। हैदराबाद के एक अस्पताल से दो दिन पहले ही डिस्चार्ज हुए रजनीकांत ने अपने प्रशंसकों को पत्र लिखते हुए ये बात कही और अपने इस फैसले के लिए उनसे माफी भी मांगी। अपने पत्र में उन्होंने बिना चुनावी राजनीति में आए लोगों की सेवा करने की बात भी कही।
रजनीकांत बोले- केवल मुझे पता है ये फैसला लेते वक्त मुझे कितना दर्द हुआ
ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने पत्र में रजनीकांत ने लिखा है, "बहुत दुख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि मैं राजनीति में नहीं आ सकता। केवल मैं जानता हूं कि इस फैसले का ऐलान करते वक्त मुझे कितना दर्द हुआ।" तमिल में लिखे हुए अपने इस पत्र में उन्होंने आगे कहा, "मेरा ये फैसला मेरे प्रशंसकों और लोगों को निराश करेगा, लेकिन कृपया मुझे माफ कर दीजिए। मैं बिना चुनावी राजनीति में आए लोगों की सेवा करूंगा।"
31 दिसंबर को राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले थे रजनीकांत
बता दें कि रजनीकांत ने दिसंबर की शुरूआत में ही 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने धर्म और जाति से परे "आध्यात्मिक धर्मनिरपेक्ष राजनीति" करने की बात कही थी। उन्होंने ये ऐलान ऐसे समय पर किया था जब पांच महीने बाद ही तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने लोगों से इस चुनाव में "चमत्कार" करने का वादा भी किया था।
अस्पताल में भर्ती होने के बाद फिरा रजनीकांत की योजनाओं पर पानी
हालांकि पिछले शुक्रवार एक फिल्म की शूंटिग के दौरान रजनीकांत के बीमार पड़ने से उनकी ये योजना खटाई में पड़ गई। उन्हें ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और दो दिन इलाज के बाद वे रविवार का यहां से डिस्चार्ज हो गए। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि वह खराब स्वास्थ्य के बावजूद राजनीति में आने की बात कहकर उदार नहीं बनना चाहते और अपने समर्थकों को अब और पीड़ित नहीं कर सकते।
जयललिता और करुणानिधि की मौत के बाद पहले विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि तमिलनाडु में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसमें रजनीकांत और अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन को एक्स-फैक्टर माना जा रहा था। राज्य के सबसे शक्तिशाली नेताओं जयललिता और करुणानिधि की मौत के बाद तमिलनाडु में ये पहले विधानसभा चुनाव हैं और रजनीकांत और हासन के उनकी जगह को भरने का संभावना जताई जा रही थी। रजनीकांत के रेस से बाहर होने के बाद अब हासन को चुनाव में फायदा हो सकता है।
RSS-भाजपा के नजदीक है रजनीकांत की राजनीतिक विचारधारा
रजनीकांत की राजनीतिक विचारधारा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के नजदीक माना जाता है और इसी कारण उनके भाजपा के इशारे पर राजनीति में उतरने की बात कही जा रही थी। हालांकि इस संबंध में कई ठोस सबूत सामने नहीं आया था।
1996 में खुलेआम किया था DMK का समर्थन
रजनीकांत की राजनीतिक सक्रियता की बात करें तो उन्होंने DMK और करुणानिधि के नजदीक माना जाता था और 1996 में उन्होंने DMK का खुला समर्थन करते हुए लोगों से 'जयललिता से तमिलनाडु को बचाने' की अपील की थी। इस चुनाव में जयललिता की पार्टी AIADMK की हार हुई तो रजनीकांत को 'गेमचेंजर' समझा गया था। उस समय से लोगों ने उम्मीद जतानी शुरू कर दी थी कि रजनीकांत जल्द ही राजनीति में कदम रख सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।