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प्रधानमंत्री मोदी का बालाकोट एयरस्ट्राइक पर वोट मांगना आचार संहिता का उल्लंघन, इसी सप्ताह आयेगा फैसला

प्रधानमंत्री मोदी का बालाकोट एयरस्ट्राइक पर वोट मांगना आचार संहिता का उल्लंघन, इसी सप्ताह आयेगा फैसला

Apr 11, 2019
10:38 am

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री मोदी ने बीते सप्ताह लातूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए लोगों से बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले और पुलवामा हमले में शहीद जवानों के नाम पर वोट देने की अपील की थी। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उस्मानाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को भेजी रिपोर्ट में इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है।

प्रधानमंत्री का भाषण

क्या था प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने लातूर रैली में पहली बार वोट करने वाले वोटर्स से कहा था, "क्या आपका पहला वोट हवाई हमला करने वालों के लिए हो सकता है?" प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं। क्या आपका पहला वोट वीर जवानों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने पाकिस्तान में हवाई हमले किए।" उन्होंने कहा, "क्या आपका पहला वोट पुलवामा के वीर शहीदों के लिए हो सकता है।"

जानकारी

चुनाव आयोग करेगा फैसला

जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है। यह रिपोर्ट अब चुनाव आयोग को भेज दी गई है और इस मामले में अंतिम फैसला आयोग को करना है।

कार्रवाई

अब आगे क्या हो सकता है?

अगर चुनाव आयोग उस्मानाबाद DEO की रिपोर्ट से सहमत होता है तो आयोग प्रधानमंत्री से उनके इस बयान पर स्पष्टीकरण की मांग कर सकता है। माना जा रहा है कि इस मामले पर इसी सप्ताह अंतिम फैसला हो सकता है। पिछले महीने चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र लिखकर अपने नेताओं और प्रत्याशियों को सेना के कामों को अपने भाषणों में जिक्र करने से बचने को कहा था।

शिकायत

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने की थी शिकायत

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण की शिकायत की थी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान न सिर्फ आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि इस तरह वोट मांगकर उन्होंने चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है। उन्होंने लिखा कि यह चुनाव आयोग की स्वतंत्रता के साथ-साथ सशस्त्र बलों को भी कमजोर करता है, जो हमेशा अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर गर्व करते रहे हैं।