AAP के साथ गठबंधन को लेकर राहुल गांधी की अहम बैठक, हो सकता है अंतिम फैसला
क्या है खबर?
लोकसभा चुनावों के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीदें अभी भी जिंदा हैं।
कांग्रेस और केजरीवाल कई बार अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं, लेकिन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की कोशिशें लगातार जारी हैं।
दिल्ली में AAP के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर राहुल गांधी ने आज अहम बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
जानकारी
ये नेता होंगे बैठक में शामिल
राहुल गांधी के घर पर होने वाली इस बैठक में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित, दिल्ली कांग्रेस के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको हिस्सा लेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
दिल्ली कांग्रेस
AAP से गठबंधन के खिलाफ है दिल्ली कांग्रेस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली कांग्रेस AAP के साथ गठबंधन के खिलाफ है।
शीला दीक्षित खुलेआम कह चुकी हैं कि वे इन चुनावों में AAP के साथ नहीं जाना चाहती। वहीं शीला समेत दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोथिया ने भी राहुल को पत्र भेजकर गठबंधन के विरोध किया था।
इनका कहना है कि अगर कांग्रेस दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ती है तो इससे पार्टी को भविष्य में फायदा हो सकता है।
जानकारी
दोनों पार्टियों का एक जैसा वोट बैंक
दिल्ली में दोनों पार्टियों का वोटबैंक लगभग एक जैसा है। दोनों पार्टियां अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और स्लम और रीसेटलमेंट कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपना वोटबैंक मानकर चल रही है। ऐसे में पार्टियों के बीच सीटों को लेकर कशमकश जारी है।
पुराने नतीजे
ये रहा था 2014 लोकसभा चुनाव का हाल
2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान दिल्ली में भाजपा को 46.63 फीसदी वोट AAP को 33.08 फीसदी और कांग्रेस को 15.22 फीसदी वोट मिले थे। भाजपा ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस और AAP एक साथ आती है तो उसके वोट 48 फीसदी से ज्यादा होते हैं जो भाजपा के 46.63 फीसदी से लगभग दो प्रतिशत अधिक है।
अगर ऐसा होता है तो दिल्ली की सियासी तस्वीर बदल सकती है।
वजह
कांग्रेस के सर्वे ने बदले हालात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गठबंधन की संभावनाओं के बीच कांग्रेस ने दिल्ली में एक सर्वे कराया है।
इसके मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 35, AAP को 28 और कांग्रेस को 22 फीसदी वोट मिलेंगे।
ऐसे में अगर कांग्रेस और AAP का मिलकर भाजपा को रोकना है तो उन्हें साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।
साथ ही कांग्रेस ने इसे लेकर अपने कार्यकर्ताओं की राय भी मांगी थी, जिसे राहुल गांधी को सौंप दिया गया है।
जानकारी
शरद पवार कर रहे हैं गठबंधन की कोशिश
कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता शरद पवार कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन करने की पहल कर रहे हैं। उन्होंने बीते मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद AAP सांसद संजय सिंह से भी मुलाकात की थी।
प्रस्ताव
केजरीवाल ने दिया था हरियाणा में गठबंधन का प्रस्ताव
AAP संयोजक केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने हरियाणा में गठबंधन का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने लिखा, "देश के लोग अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हराना चाहते हैं। अगर हरियाणा में JJP, AAP और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीटों पर भाजपा हारेगी। राहुल गांधी जी इस पर विचार करें।"
जननायक जनता पार्टी (JJP) दुष्यंत चौटाला की पार्टी है। हालांकि, हरियाणा में गठबंधन पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।