महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने की इस्तीफे की पेशकश, प्रधानमंत्री मोदी को बताई इच्छा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है।
कोश्यारी ने राजभवन के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर बताया कि उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने की इच्छा जताई थी।
राज्यपाल कोश्यारी अपने बयानों और कामकाज को लेकर पिछले काफी समय से विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं।
बता दें कि कोश्यारी 2019 में महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे।
ट्वीट
राज्यपाल बोले- राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहता हूं
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने ट्वीट कर मामले की जानकारी देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री की मुंबई यात्रा के दौरान मैंने उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने और अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य गतिविधियों में बिताने की अपनी इच्छा से अवगत कराया है। मुझे हमेशा माननीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से प्यार और स्नेह मिला है और मुझे इस संबंध में भी ऐसा ही मिलने की उम्मीद है।'
बयान
महाराष्ट्र की सेवा करना सौभाग्य की बात- राज्यपाल कोश्यारी
राज्यपाल कोश्यारी ने आगे लिखा, 'संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी। पिछले तीन साल से ज्यादा समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता की तरफ से मिले प्यार और स्नेह को मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।"
बता दें कि कोश्यारी 2020 से 2021 के बीच गोवा के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं।
बयान
राज्यपाल ने शिवाजी को लेकर दिया था विवादित बयान
राज्यपाल कोश्यारी ने नवंबर, 2022 में औरंगाबाद स्थित डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के आदर्श बन गए हैं।
उन्होंने कहा था कि आज के समय में महाराष्ट्र के युवा डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जैसे मौजूदा समय के नेताओं को अपना आदर्श बना सकते हैं।
उनके इस बयान पर महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने जमकर निशाना साधा था।
बयान
कोश्यारी का यह बयान भी रहा था विवाद में
राज्यपाल कोश्यारी ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दिया जाए तो राज्य के पास कोई पैसा नहीं रहेगा और मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा।
उन्होंने आगे कहा था कि मारवाड़ी और गुजराती समुदाय जहां भी जाते हैं, वहां विकास करते हैं। कोश्यारी के इस बयान पर राज्य में सियासी घमासान छिड़ गया था, जिसके बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी थी।
राजनीति
उद्धव सरकार के साथ रहा था राज्यपाल का टकराव
कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) समेत महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियां कई बार राज्यपाल कोश्यारी पर मराठी अस्मिता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा चुके हैं। कई बार उनके इस्तीफे की मांग भी हो चुकी है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान भी महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार और राज्यपाल के बीच कई मौकों पर टकराव की स्थिति देखी गई थी।