हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस सरकार की मुश्किलें और बढ़ीं, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट गहराने लगा है। बुधवार सुबह सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा, "जनता के प्रति मेरी जवाबदेही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कई विधायकों की अनदेखी की। मुझे कई बार नीचा दिखाने की कोशिश की गई।"
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह 6 बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन रिज मैदान पर उनकी प्रतिमा लगाने के लिए कोई जगह नहीं मिली।
बयान
विक्रमादित्य ने क्या कहा?
विक्रमादित्य ने कहा, "पिछले एक साल के कार्यकाल में विधायकों की अनदेखी हुई और कहीं न कहीं उनकी आवाज दबाने की कोशिश हुई, जिसका परिणाम है कि आज हम इस कगार पर खड़े हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित किया गया और हमें कमजोर करने की कोशिश की गई, वो अच्छा नहीं है। हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है।"
अपमान
विक्रमादित्य बोले- मैं बहुत आहत हूं
विक्रमादित्य ने कहा कि 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा गया और राज्य में कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन उनकी प्रतिमा लगाने के लिए वर्तमान सरकार जमीन नहीं दे सकी और इससे वह बहुत आहत हैं।
उन्होंने कहा कि वह जनता से रायशुमारी के बाद ही आगे का कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रदेश में हुए पूरे घटनाक्रम और इस्तीफे की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को दे दी है और अब उन्हें फैसला लेना है।
बगावत
सुक्खू सरकार के खिलाफ क्यों हैं विक्रमादित्य?
दरअसल, 2022 चुनाव के बाद से विक्रमादित्य ने मुख्यमंत्री सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
इसका कारण ये है कि विक्रमादित्य की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद की प्रबल दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने जीत के बाद प्रदेश की कमान सुक्खू को सौंप दी।
तब चर्चाएं थीं कि डैमेज कंट्रोल के लिए विक्रमादित्य को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। इसके बाद से हिमाचल कांग्रेस 2 धड़ों में बंटी हुई थी।
जानकारी
विक्रमादित्य ने कई बार दिए थे बगावत के संकेत
विक्रमादित्य ने कई बार बगावत के संकेत दे चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के राम मंदिर के उद्धाटन समारोह का न्योता ठुकराने पर सवाल खड़े किए थे और समारोह में शामिल भी हुए। वह कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर चुके हैं।
विक्रमादित्य
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह?
विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और वर्तमान में राज्य कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की है।
इसके बाद वे राजनीति में उतर गए और 2013 से 2017 तक हिमाचल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 2017 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर शिमला ग्रामीण सीट से पहली बार चुनाव जीता था।
2022 चुनाव में उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की और लोक निर्माण मंत्री बनाए गए।