'मेट्रो मैन' श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति छोड़ी, केरल चुनाव में थे भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार
'मेट्रो मैन' के नाम से चर्चित ई श्रीधरन ने मात्र 10 महीने के सफर के बाद सक्रिय राजनीति छोड़ दी है। गुरूवार को इसका ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी राजनेता नहीं थे और वह बिना राजनीति में आए भी लोगों की सेवा कर सकते हैं। श्रीधरन ने ये ऐलान केरल विधानसभा चुनाव में हार के आठ महीने बाद किया है। इस चुनाव में वह भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर उतरे थे।
श्रीधरन ने राजनीति छोड़ने के लिए दिया उम्र का हवाला
राजनीति से अपने संन्यास की जानकारी मीडिया को देते हुए श्रीधरन ने कहा, "कई लोगों को नहीं पता कि मैं 90 साल का हूं। जहां तक मेरी उम्र का सवाल है, मैं एडवांस चरण में हूं। जब मैं कहता हूं कि मैं सक्रिय राजनीति को छोड़ रहा हूं तो इसका मतलब ये नहीं है कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं।" उन्होंने कहा कि जब वे चुनाव हारे थे, तब उन्हें बहुत दुख हुआ था।
अन्य तरीकों से लोगों की सेवा करता रहूंगा- श्रीधरन
श्रीधरन ने आगे कहा, "मैं कभी राजनेता नहीं था। मैं एक नौकरशाह हूं और भले ही मैं राजनीति में सक्रिय नहीं रहूं, लेकिन मैं अन्य तरीकों से हमेशा लोगों की सेवा कर सकता हूं। मेरी तीन ट्रस्ट हैं और इनमें काम होना है।"
श्रीधरन ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर साधा निशाना
श्रीधरन ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के ड्रीम के-रेल प्रोजेक्ट पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह एक गलत तरीके से सोचा गया, बुरी तरह से प्लान किया गया और बहुत बुरी तरह से संचालित प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि लोन पर लेकर सैलरी दी जा रही हैं और इसके लिए 25,000 लोगों को विस्थापित किया जाएगा। पांच साल में नेटवर्क के निर्माण के विपरीत श्रीधरन ने कहा कि इसे पूरा होने में 10 साल लगेंगे।
केरल के निवासी हैं श्रीधरन, दिल्ली मेट्रो से मिली 'मेट्रो मैन' की उपाधि
श्रीधरन का जन्म 12 जून, 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। उन्होंने भारत की कुछ सबसे बड़ी रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इसमें दिल्ली मेट्रो की परियोजना भी शामिल है जिसकी सफलता के बाद उन्हें 'मेट्रो मैन' की उपाधि दी गई थी। उन्हें कोंकण रेलवे के सफल निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है जो आजाद भारत में पश्चिमी तट को जोड़ने वाली सबसे बड़ी रेल परियोजना है।
इन मेट्रो परियोजनाओं में सेवा दे चुके हैं श्रीधरन
श्रीधरन दिल्ली मेट्रो के अलावा कोच्चि मेट्रो, लखनऊ मेट्रो और जयपुर मेट्रो को भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने आखिरी बार लखनऊ मेट्रो के साथ काम किया था और बतौर मुख्य सलाहकार इससे जुड़े थे। 2019 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। देशभर की अन्य कई मेट्रो रेल परियोजनाओं से भी वह किसी न किसी तरह जुड़े रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार की महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना का भी विरोध किया था।
पद्म श्री और पद्म विभूषण से सम्मानित हैं श्रीधरन
देशभर में मेट्रो जैसे क्रांतिकारी परिवहन में उनके बेहतरीन योगदान के लिए श्रीधरन को कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं, फ्रांस सरकार ने भी उन्हें 2005 में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा टाइम मैग्जीन भी उन्हें 'एशिया का हीरो' का टाइटल दे चुकी है।