लखीमपुर खीरी हिंसा: किसानों को कुचलने वाली गाड़ी में सवार भाजपा नेता समेत चार गिरफ्तार
क्या है खबर?
लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसानों को कुचलने वाली गाड़ी में सवार एक शख्स समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस और क्राइम ब्रांच की विशेष हथियार और रणनीति (SWAT) टीम ने सोमवार को आरोपी सुमित जायसवाल, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट और सत्य प्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया।
सत्य प्रकाश के पास से एक लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां जब्त की गई हैं।
आरोपी
किसानों को कुचलने वाली थार में सवार था सुमित
पुलिस के अनुसार, सुमित जायसवाल वही भाजपा नेता है जिसे वायरल वीडियो में किसानों को कुचलने वाली महिंद्र थार से उतरते हुए देखा गया था। सुमित ने मामले में किसानों के खिलाफ उसके ड्राइवर, दोस्त और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या करने की FIR भी दर्ज कराई थी।
उसने दावा किया था कि किसानों ने पहले से गाड़ी पर हमला और पथराव किया जिसके बाद वह अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ गई।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य मंत्री के दौरे के समय हुई थी हिंसा
बता दें कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे।
मिश्रा एक कार्यक्रम के लिए अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए।
गुस्साई भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया।
कार्रवाई
गिरफ्तार किया जा चुका है आशीष
मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे पूछताछ में सहयोग न करने और अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश न कर पाने के कारण गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले उससे लगभग 12 घंटे पूछताछ की गई थी।
आशीष ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि घटना के समय वह घटनास्थल से दूर अपने पैतृक गांव में था।
मांग
विपक्ष मांग रहा मंत्री का इस्तीफा
मामले में विपक्ष भी हमलावर बना हुआ है और आशीष के पिता अजय मिश्रा का मंत्री पद से इस्तीफा मांग रहा है।
पिछले हफ्ते इस संबंध में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मंडल राष्ट्रपति से मिला था और उनसे मिश्रा को बर्खास्त करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रपति ने उन्हें मामले पर सरकार से बात करने का आश्वासन दिया है।
मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।