दिल्ली में हो सकते हैं 2 उपमुख्यमंत्री, इस तारीख को सामने आएगा मुख्यमंत्री का नाम
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत तो दर्ज कर ली है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हुआ है।
अब खबर सामने आई है कि भाजपा दिल्ली में 2 उपमुख्यमंत्री बना सकती है। अलग-अलग समीकरणों के हिसाब से तालमेल बैठाने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
वहीं, मुख्यमंत्री के नाम पर रविवार यानी 16 फरवरी तक मुहर लग सकती है। इस दिन भाजपा विधायक दल की पहली बैठक होने की संभावना है।
उपमुख्यमंत्री
समीकरण साधने के लिए 2 उपमुख्यमंत्रियों की चर्चा
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक नेता ने कहा, "दिल्ली में 2 उपमुख्यमंत्री रखने से पार्टी को विभिन्न जातियों, समुदायों और क्षेत्रीय पृष्ठभूमि के विधायकों को समायोजित करने में मदद मिलेगी। इसकी बहुत संभावना है, क्योंकि ऐसा कई अन्य राज्यों में भी किया गया है, जहां विभिन्न पृष्ठभूमि के नेताओं को समायोजित करने के लिए उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए गए हैं। भाजपा शासित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ऐसा किया गया है।"
मंत्री
इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री
अखबार ने पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से दावा किया कि मादीपुर से जीते कैलाश गंगवाल, बवाना से रविंदर इंद्राज सिंह, मंगोल पुरी से राज कुमार चौहान और त्रिलोकपुरी से रविकांत को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, क्योंकि ये अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आते हैं।
इनके अलावा शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, रोहिणी से विजेंद्र गुप्ता और त्रिनगर से तिलक राम गुप्ता बनिया समुदाय के कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं।
बैठक
भाजपा के सभी विधायकों की रविवार को बड़ी बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक, 16 फरवरी को भाजपा विधायक दल की पहली बैठक होने की संभावना है।
इसमें सभी 48 नवनिर्वाचित विधायक शामिल होंगे और इसकी अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के 2 वरिष्ठ सदस्य करेंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री और कैबिनेट सदस्यों के चयन की देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है।
दिल्ली में सरकार गठन और मंत्रिमंडल के चेहरों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं।
विधायक
मंत्रिमंडल में होगी सभी 7 लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, "संभावना है कि मुख्यमंत्री सहित 7 सदस्यीय मंत्रिमंडल में दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों में से हर सीट से एक भाजपा विधायक शामिल हो सकता है। इनका चयन RSS और भाजपा नेतृत्व द्वारा तय किए गए समीकरण साधने के जरूरी पैमानों के आधार पर किया गया है।
बता दें कि दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा काबिज है।
परिणाम
क्या रहे दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे?
दिल्ली चुनावों में भाजपा ने 48 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 22 सीटें जीती हैं। कांग्रेस को पिछली बार की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिली है।
AAP के कई बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज समेत कई नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है।
इसी के साथ 27 साल बाद भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है।