5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानिए कैसे हुई थी इसकी शुरुआत
शिक्षक दिवस भारत में मनाया जाने वाला एक खास पर्व है, जो हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन छात्रों के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों के योगदान का सम्मान और उनकी सराहना की जाती है। इस दिन देशभर के स्कूल, कॉलेजों और शिक्षक संस्थानों में शिक्षकों के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उन्हें शुक्रिया कहा जाता है। आइए जानते हैं टीचर्स डे मनाने की शुरुआत कैसे और कहां हुई थी।
जानिए कैसे हुई थी शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत
शिक्षक दिवस की शुरुआत करने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। वह भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे और वह एक महान शिक्षक व दार्शनिक भी थे। 1962 में उनके राष्ट्रपति बनने के बाद उनके कुछ पूर्व छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा। हालांकि, राधाकृष्णन ने छात्रों से आग्रह किया कि वे उनके जन्मदिन के बजाय शिक्षक दिवस मनाएं। तब से ही देशभर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
अपने पढ़ाने के तरीके के कारण राधाकृष्णन थे छात्रों के पसंदीदा
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी में हुआ था। उन्होंने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज से फिलॉसफी की पढ़ाई की और 1909 में इसी कॉलेज से पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने लगभग 40 साल तक एक शिक्षक के तौर पर काम किया। वह अपने ज्ञान और पढ़ाने के तरीके के कारण छात्रों के पसंदीदा शिक्षक हुआ करते थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
शिक्षक दिवस है शिक्षकों का आभार व्यक्त करने का अच्छा मौका
एक शिक्षक न केवल छात्रों को ज्ञान देता है, बल्कि उनके भविष्य और चरित्र को भी निखारता है। शिक्षक दिवस छात्रों के लिए अपने शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का आभार व्यक्त करने का बढ़िया अवसर है। भारत में गुरु-शिष्य के रिश्ते को हमेशा से खास माना जाता है, जिसे मजबूत करने के लिए यह दिन बेहद जरूरी होता है। साथ ही यह दिन आने वाली पीढ़ी को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है।
जानिए शिक्षक दिवस के बारे में कुछ रोचक बातें
जिस तरह 5 सितंबर को राष्ट्रिय शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वैसे ही 5 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनता है। इस दिन की शुरुआत यूनेस्को द्वारा शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए की गई थी। इस दिन सभी स्कूल और कॉलेजों में छात्र अपने शिक्षकों को तोहफे देते हैं, उनके लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं और उन्हें शुक्रिया कहते हैं। कई राज्यों में इस खास मौके पर श्रेष्ट शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।