उत्तराखंड: अक्षय तृतीया से शुरू होगी चार धाम यात्रा, जानिए रजिस्ट्रेशन समेत पूरी जानकारी
क्या है खबर?
उत्तराखंड में बसे चार धाम हिंदुओं के लिए बहुत आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए जीवन में एक बार चार धाम के चार मंदिरों (गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
यह यात्रा साल में केवल 6 महीने ही चलती है और इस बार यह 30 अप्रैल से शुरू होने वाली है।
चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन 02 मार्च से शुरू होगा तो आइए इसके बारे में जानें।
इतिहास
चार धाम यात्रा की शुरूआत कब हुई?
चार धाम यात्रा का आगाज 8वीं शताब्दी के धर्मप्रवर्तक और दार्शनिक शंकराचार्य ने किया था, जिन्होंने 8वीं शताब्दी में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने के लिए चार मंदिरों की तीर्थ यात्रा का आगाज किया।
1950 के दशक तक लोगों ने इन स्थलों तक पहुंचने के लिए पैदल ही एक कठिन यात्रा तय की।
हालांकि, साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सही रास्तों और कई तरह के साधनों के कारण यह यात्रा थोड़ी आसान होती चली गई।
चार धाम यात्रा
कैसे होती है चार धाम की यात्रा
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, चार धाम यात्रा पश्चिम से शुरू होकर पूर्व में समाप्त होनी चाहिए।
चार धाम यात्रा मां यमुना का निवास स्थान यमुनोत्री से शुरू होती है। ऐसा माना जाता है कि यमुनोत्री मंदिर जाने से चार धाम यात्रा बिना किसी बाधा के पूरी होती है।
यमुनोत्री के बाद गंगोत्री मंदिर की यात्रा चार धाम का दूसरा पड़ाव है, जबकि तीसरा पड़ाव केदारनाथ है।
इस यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ है,जो उत्तराखंड के चमोली जिले में है।
तिथियां
उत्तराखंड में स्थित पवित्र चार धामों के कपाट खुलने की तिथियां
यमुनोत्री मंदिर: उत्तरकाशी जिले में स्थित इस मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया वाले दिन 30 अप्रैल को खुलेगें।
गंगोत्री मंदिर: उत्तरकाशी जिले में ही मौजूद देवी गंगा को समर्पित इस मंदिर के कपाट भी 30 अप्रैल को खोले जाएगें।
केदारनाथ मंदिर: रूद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर 02 मई को खुलेगा।
बद्रीनाथ मंदिर: चमोली जिले में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर 02 मई को खुलेगा।
रजिस्ट्रेशन
चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
चार धाम यात्रा के लिए भक्तों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है।
आसान रजिस्ट्रेशन के लिए एक राज्य पर्यटन ऐप पेश किया गया है और आप registrationandtouristcare.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर भी चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त रुद्राभिषेक जैसे विशेष अनुष्ठानों के लिए भी ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी।
राह
चार धाम कैसे पहुंचें?
चार धाम यात्रा विभिन्न साधनों जैसे सड़क, हवाई मार्ग या रेलमार्ग द्वारा की जा सकती है।
इसके लिए सड़क यात्रा सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इसके जरिए आप हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के विभिन्न स्थानों पर रूकने का भी अवसर देता है।
इस यात्रा के लिए कई जगहों से हेलीकाप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जबकि रेलयात्रा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार में है।