Page Loader
महिला स्वास्थ्य: थाइराइड के साथ ही कई बीमारियों की वजह है एस्ट्रोजन हार्मोन, ऐसे करें बचाव

महिला स्वास्थ्य: थाइराइड के साथ ही कई बीमारियों की वजह है एस्ट्रोजन हार्मोन, ऐसे करें बचाव

Apr 26, 2019
12:05 pm

क्या है खबर?

शरीर में कई तरह के हार्मोन पाए जाते हैं, उन्ही में से एस्ट्रोजन हार्मोन भी एक है। यह हार्मोन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इसकी कमी से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स , इनफ़र्टिलिटी और तनाव जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एस्ट्रोजन की कमी से महिलाएँ समय से पहले बूढ़ी भी दिखने लगती हैं। आइए आपको बताते हैं, इसकी कमी से शरीर में कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं और इसका बचाव कैसे करें।

जानकारी

इन महिलाओं में होती है एस्ट्रोजन की कमी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन महिलाओं में एनोरेक्सिया (ईटिंग डिसऑर्डर) और थाइराइड की समस्या होती है, उनमें एस्ट्रोजन की कमी की समस्या होने की ज़्यादा संभावना होती है।

कारण

इस वजह से होती है एस्ट्रोजन की कमी

महिलाओं में किसी भी वजह से ओवरीज में नुकसान होने के कारण शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर लगातार गिरने लगता है। इसे प्री-मेनोपॉज भी कहा जाता है। इसके अलावा प्री-मैच्योर ओवेरियन फेलियर, थाइराइड डिसऑर्डर, ज़्यादा एक्सरसाइज़ करना, कीमोथेरेपी, पिट्यूटरी ग्रंथि की कार्यप्रणाली का धीरे होने और परिवार में से किसी महिला को यह समस्या होने की वजह से भी महिलाएँ एस्ट्रोजन की कमी का शिकार हो जाती हैं।

जानकारी

एस्ट्रोजन की कमी के लक्षण

एस्ट्रोजन की कमी होने पर पीरियड्स के दौरान ज़्यादा ब्लीडिंग होना, मेंसुरेशन सर्कल का गड़बड़ हो जाना, भूख न लगना, अनिद्रा, मानसिक तनाव, वजन बढ़ जाना, हड्डियों का कमज़ोर होना और रात में अधिक पसीना निकलना जैसे लक्षण दिखते हैं।

समस्या 1 और 2

एस्ट्रोजन की कमी से पीरियड्स का अनियमित होना और इनफ़र्टिलिटी की समस्या

किसी भी महिला के शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होने पर पीरियड्स अनियमित हो जाता है। केवल यही नहीं इसकी कमी की वजह से पीरियड्स के दौरान ज़्यादा ब्लीडिंग भी होने लगती है। एस्ट्रोजन की कमी होने की वजह से ओव्यूलेशन में काफ़ी परेशानी आती है। इस वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने में काफ़ी परेशानी होती है। इससे बचने के लिए समय पर डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।

समस्या 3 और 4

यौन संबंध बनाते समय दर्द और तनाव एवं डिप्रेशन

एस्ट्रोजन की कमी की वजह से वजाइना लुब्रिकेशन पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में यौन संबंध बनाते समय महिलाओं को काफ़ी दर्द का सामना करना पड़ता है। इससे वजाइना में ड्राईनेस की समस्या आ जाती है। एस्ट्रोजन की वजह से दिमाग में सेरोटोनिन नाम का हार्मोन उत्पन्न होता है जो मूड अच्छा करता है। वहीं जब इस हार्मोन की कमी होने लगती है, तो मूड स्विंग के साथ ही तनाव और डिप्रेशन का ख़तरा बढ़ जाता है।

समस्या 5 और 6

कैंसर और वजन पर असर

एस्ट्रोजन का स्तर शरीर में बिगड़ जाने की वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी का ख़तरा बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होने पर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। इस हार्मोन की वजह से न केवल पीरियड नियमित रहता है, बल्कि वजन भी नियंत्रित रहता है। ऐसे में एस्ट्रोजन की कमी होने पर अचानक वजन तेज़ी से बढ़ने लगता है और कुल्हों एवं जाँघों पर फ़ैट जमा हो जाता है।

उपाय

एस्ट्रोजन की कमी से बचने के लिए अपनाएँ ये उपाय

अगर आप नियमित एक्सरसाइज़ करती हैं, तो ध्यान रखें कि ज़्यादा न करें। साथ हो योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। संतुलित, कम वसायुक्त और अधिक रेशेदार वाले भोजन अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, अंडे, सूखे मेवे और चिकन को अपनी डाइट में शामिल करें। रोज़ाना कम से कम आठ घंटे की नींद लें, क्योंकि अनिद्रा की वजह से भी एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है।

जानकारी

अन्य उपाय

शरीर में एस्ट्रोजन की कमी न हो, इसके लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। रोज़ाना 8-10 गिलास पानी ज़रूर पीएँ। साथ ही चाय, कॉफ़ी और शराब के सेवन से बचें। इसकी जगह ग्रीन टी या नारियल पानी पीएँ।