
इन स्थितियों के लिए जरूरी है प्राथमिक उपचार, जानिए तरीके
क्या है खबर?
प्राथमिक उपचार एक तरह की आपातकालीन देखभाल है, जो घाव या समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को दी जाती है।
साफ शब्दों में कहें तो यह तब तक व्यक्ति की मदद कर सकता है, जब तक कि पैरामेडिक्स नहीं आते या उन्हें अस्पताल ले जाया नहीं जाता है।
हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने ट्वीट के जरिए बताया है कि किन स्थितियों में व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देना जरूरी है और इसका तरीका क्या है।
आइए जानें।
#1
खून निकलने पर
अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को चोट लग जाए और प्रभावित हिस्से से खून निकलने लगे तो इस स्थिति में उसे प्राथमिक उपचार देना जरूरी है।
हालांकि, सबसे पहले व्यक्ति को शांत करवाएं क्योंकि घबराहट से दिल की धड़कन बढ़ जाती है, जिससे खून और तेजी से बहने लगता है।
इसके बाद खून वाले हिससे पर थोड़े दबाव से साफ कपड़ा बांध दें। हो सके तो चोट वाले हिस्से को हृदय के स्तर से ऊपर उठा लें।
#2
जलने पर
अगर किसी कारणवश किसी व्यक्ति का कोई हिस्सा जल जाता है तो उसे भी तुरंत प्राथमिक उपचार दें।
इस स्थिति में व्यक्ति के जले हुए हिस्से को 10-15 मिनट के लिए चलते हुए सादे पानी के नीचे रखें। अगर सादा पानी न हो तो प्रभावित हिस्से पर कोल्ड कंप्रेसर का इस्तेमाल करें।
इसके बाद एक साफ, सूखी ड्रेसिंग या नॉन फ्लफी मेटेरियल का प्रयोग करें। हालांकि, ध्यान रखें कि इस दौरान ठंडे पानी और बर्फ का इस्तेमाल नहीं करना है।
#3
फ्रैक्चर हुआ हो तो करें ये काम
फ्रैक्टर होने के मामले में भी प्राथमिक उपचार देना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दर्द कम होगा और हड्डी के जल्द जुड़ने की संभावना बढ़ जाएगी।
प्राथमिक उपचार के तौर पर सबसे पहले प्रभावित हिस्से को हिलाने से बचें और 10 से 15 मिनट तक दर्द वाली जगह पर ठंडी सिकाई करें।
इसके बाद प्रभावित हिस्से पर स्पलिंट का इस्तेमाल करें। बता दें कि स्पलिंट एक मजबूत पट्टी होती है, जो प्रभावित हिस्से को स्थिर रखने में मदद कर सकती है।
#4
आंख में चोट लगने पर
अगर आंख में चोट लगने पर प्राथमिक उपचार न दिया जाए तो इससे मामला गंभीर हो सकता है और आंखों की रोशनी या फिर इसके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
जब भी आंखों में किसी तरह की चोट लगे या केमिकल जाए तो आंखों को मलने से बचें। इसके बाद प्रभावित आंख को ठंडे पानी या फिर सादे पानी से कुछ मिनट तक धोएं।
इसके बाद डॉक्टर के पास जाएं ताकि समय रहते आपकी परेशानी दूर हो सके।
#5
चॉकिंग की स्थिति में ऐसा करें
अगर किसी को अचानक चॉकिंग हो जाए तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें।
इसके लिए पहले चॉकिंग से ग्रस्त व्यक्ति के पीछे किसी एक तरफ खड़े होकर उसकी छाती को एक हाथ से सहारा दें।
अब उस आदमी को आगे की तरफ झुकाएं ताकि उसके सांस लेने के रास्ते में अटकी चीज मुंह से बाहर निकल सके, फिर अपने हाथ के हत्थे से व्यक्ति के कंधे के किनारों पर पांच बार तेज मारें या फिर पेट को तेजी से दबाएं।
#6
CPR का करें इस्तेमाल
CPR यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन, एक तरह का प्राथमिक उपचार है, जो कार्डियक अरेस्ट, धकड़न के रूक जाने, बेहोश होने या फिर सांस न लेने जैसी आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति को दिया जाता है।
CPR दो तरह की होती है, जिसमें पहला है कि प्रभावित व्यक्ति की छाती को अपनी हथेलियों से लगातार तेजी से दबाते रहें।
दूसरा तरीका मुंह से मुंह में सांस देना है यानी जो व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में हो उसे अपने मुंह के जरिये सांस दें।