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    अगर लीप ईयर न हो तो क्या होगा? जानिए इसमें फरवरी के दिन क्यों बढ़ जाते

    अगर लीप ईयर न हो तो क्या होगा? जानिए इसमें फरवरी के दिन क्यों बढ़ जाते

    लेखन अंजली
    Feb 29, 2024
    06:37 pm

    क्या है खबर?

    लीप ईयर यानी अधिवर्ष के दौरान फरवरी के महीने में 28 दिन के बजाय 29 दिन होते हैं, जिसकी वजह से लीप वर्ष 366 दिनों का होता है।

    इस साल 2024 में भी फरवरी 29 दिन की है, जिसे हम 'लीप डे' कहते हैं।

    यह वर्ष 4 साल में 1 बार आता है और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है।

    आइए जानते हैं कि अगर लीप वर्ष होना क्यों जरूरी है और इसकी गणना कैसे की जाती है।

    कारण

    अगर लीप ईयर न होता तो गड़बड़ा सकता था जीवन चक्र

    पृथ्वी को सूरज का चक्कर लगाने में 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है। इस तरह सामान्य साल की अवधि 365 दिन की होती है।

    बचे हुए लगभग 6-6 घंटे हर साल जोड़े जाते हैं, जो 4 सालों में यह पूरे 24 घंटे हो जाता है, इसलिए लीप वर्ष 366 दिन का होता है।

    अगर ऐसा नहीं होता तो फसल चक्र और मौसम साल के अलग-अलग समय पर होते, जिससे भ्रम पैदा होता।

    इतिहास

    लीप ईयर की उत्पत्ति

    माना जाता है कि लीप ईयर की शुरूआत ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में मिस्रवासियों ने ऋतुओं को संतुलित करने के लिए की थी।

    हालांकि, इसका जनक सम्राट जूलियस सीजर को माना जाता है, जिन्होंने जूलियन कैलेंडर पेश किया। इसमें सौर वर्ष में समायोजित करने के लिए एक लीप वर्ष शामिल किया गया।

    साल 1582 में जब जूलियन कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदल गया तो फरवरी में एक लीप डे जोड़ा गया।

    गणना

    इस तरह से की गई लीप ईयर की गणना

    गणना के लिए 6 घंटे वास्तविक 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड से अलग हैं। इससे कैलेंडर वर्ष सौर वर्ष की तुलना में थोड़ा लंबा हो जाता है।

    16वीं शताब्दी में जब कैलेंडर वर्ष में 10 अतिरिक्त दिन हो गए तो 1582 में पोप ग्रेगरी XIII ने कैलेंडर से 10 दिन हटा दिए थे। उस साल 4 अक्टूबर के बाद अगले ही दिन 15 अक्टूबर कर दिया गया था।

    हालांकि, यह समस्या का हल नहीं था।

    गणना

    हर 4 साल बाद लीप ईयर कैसे आता है?

    लीप ईयर की समस्या को सुलझाने के लिए अतिरिक्त दिन का प्रबंधन करने के लिए हर 10 साल में एक लीप ईयर कम कर दिया जायेगा।

    इसके लिए ऐसे साल चुने गए, जो 100 पर खत्म होते थे, लेकिन इससे भी गणनाएं गड़बड़ा गईं।

    इसके बाद यह फैसला लिया गया कि सभी लीप ईयर 4 से विभाज्य होने चाहिए। अगर साल 100 से विभाज्य है तो यह लीप ईयर नहीं होगा, जब तक कि यह 400 से विभाज्य न हो।

    नियम

    29 फरवरी को जन्मे बच्चों के लिए नियम

    29 फरवरी को जन्मे बच्चों को लीपलिंग कहा जाता है और इनकी आयु को लेकर अलग-अलग नियम हैं।

    उदाहरण के लिए, यूनाइटेड किंगडम (UK) में लीपलिंग कानूनी तौर पर 1 मार्च को एक वर्ष के हो जाते हैं, इसलिए वहां वे इसी दिन अपना जन्मदिन मनाते हैं।

    वहीं कुछ देशों में लीपलिंग 28 फरवरी को ही एक वर्ष के मान लिए जाते हैं। इस वजह से ऐसे बच्चों की आयु गणना को लेकर काफी परेशानी होती है।

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