गुजरात के बच्चों पर कहर बरपा रहा चांदीपुरा वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
मानसून के मौसम में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसी बीच अब गुजरात के बच्चों पर चांदीपुरा नाम का एक नया वायरस कहर बरपा रहा है। यह वायरस 10 जुलाई से फैला है और कम से कम 12 लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस वायरस से संक्रमित 6 बच्चों की मौत हो चुकी है। चांदीपुरा वायरस ज्यादातर बच्चों को ही प्रभावित करता है। आइए इस वायरस के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या होता है चांदीपुरा वायरस?
चंडीपुरा वायरस एक प्रकार का अर्बोवायरस है, जो रेबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस के समान होता है। इस वायरस की पहचान सबसे पहले साल 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में हुई थी। इसके चलते ही इसे चांदीपुर नाम दिया गया था। हालांकि, बीते हफ्तों से यह वायरस गुजरात में तेजी से फैल रहा है और बच्चों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा है। यह सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है।
इस वायरस में होते हैं ये मुख्य लक्षण
यह वायरस मुख्य रूप से रेत वाली फेलोबॉमी मक्खियों के माध्यम से फैलता है। हालांकि, यह टिक्स और मच्छरों के माध्यम से भी हो सकता है। चंडीपुरा वायरस के लक्षणों में तेज बुखार होना, दस्त आना, पेट में दर्द होना और उलटी आना शामिल हैं। इसके अलावा, इस वायरस के कारण लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। चांदीपुरा वायरस का समय पर इलाज न हो तो यह मौत का कारण भी बन सकता है।
9 महीने से 12 साल तक के बच्चों को अधिक खतरा
चांदीपुरा वायरस ज्यादातर बच्चों को संक्रमित करता है। यह फ्लू जैसे बुखार, उल्टी, दस्त और पेट दर्द के रूप में प्रकट होता है। यह आमतौर पर 9 महीने से 12 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों को अधिक खतरा है। इस वायरस के खिलाफ अभी तक कोई टीका नहीं उपलब्ध है, इसलिए इसे बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इसके कारण व्यक्ति कोमा में जा सकता है और मर सकता है।
जानें चांदीपुर वायरस कितना खतरनाक है
यह एक अत्यधिक प्रगतिशील वायरस है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर समय पर सही उपचार न किया जाए तो इससे तीव्र एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क में सूजन हो सकती है। इसके लक्षण दिखने के 24 से 72 घंटों के भीतर यह मौत का कारण भी बन सकता है। इस वायरस के कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाएं।
अबतक चांदीपुरा वायरस का कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं है
चांदीपुरा वायरस एक वेक्टर जनित बीमारी है। इस वायरस के लक्षण तीव्र गति से बढ़ते हैं और कोई भी उपचार इसके प्रभाव को कम नहीं कर सकता है। फिलहाल इसके टीकों का परीक्षण चल रहा है और वे अभी उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं हैं। इस बीमारी से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका सावधानी बरतना है। कीटनाशक स्प्रे वेक्टर को खत्म करने का एक तरीका है, जो संक्रमित होने के जोखिम को कम करने में मदद करता है।