ब्लड शुगर को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने के लिए आजमाएं ये 5 तरीके
ग्लूकोज या ब्लड शुगर शरीर के सभी कार्यों के लिए आवश्यक है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब ब्लड शुगर का स्तर 200 से ऊपर चला जाता है। इसके कारण मधुमेह या प्री-डायबिटीज जैसी समस्याओं के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, सक्रिय जीवनशैली और सही खान-पान ब्लड शुगर के स्तर को ठीक करने में मदद कर सकते हैं, इसलिए इन पर ध्यान देने के लिए इन 5 प्रभावी तरीकों को आजमाएं।
एक्सरसाइज को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
कई शोध के मुताबिक, एक्सरसाइज इंसुलिन असंवेदनशीलता का प्रभावी ढंग से इलाज और रोकथाम कर सकती है। इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार से खून में ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है क्योंकि कोशिकाएं चीनी का बेहतर उपयोग करने में सक्षम हो जाती हैं। लाभ के लिए आप अपनी दैनिक दिनचर्या में तेज गति से चलना, तैराकी, दौड़ना, साइकिल चलाना, लंबी पैदल यात्रा और नृत्य जैसी एक्सरसाइज को शामिल करें।
लो-कार्ब डाइट का पालन करें
अगर आप बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं या आपको इंसुलिन से संबंधित समस्याएं हैं तो आप हाई ब्लड शुगर से पीड़ित हो सकते हैं। कई शोध के अनुसार, लो-कार्ब युक्त चीजों का सेवन करना ब्लड शुगर को कम करने और वजन घटाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। लो-कार्ब के लिए आप अपनी डाइट में अजवाइन के पत्ते, ब्रोकली, जुकिनी, लाल शिमला मिर्च और खीरे आदि को शामिल कर सकते हैं।
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
पूरे दिन पानी पीने से बढ़ी हुई ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है क्योंकि पानी किडनी को मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकालने में सक्षम बनाता है। एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग अधिक पानी पीते हैं उनमें हाइपरग्लेसेमिया (हाई ब्लड शुगर की स्थिति) विकसित होने की संभावना कम होती है। लाभ के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करें।
तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करें
तनाव सीधा आपके ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है। ग्लूकागन और कोर्टिसोल नामक 2 हार्मोन ऐसे हैं, जो तनाव के तहत जारी होते हैं और ये ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं। छात्रों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि नियमित एक्सरसाइज, मेडिटेशन और आराम करने से तनाव के स्तर के साथ-साथ ब्लड शुगर के स्तर में कमी आई है।
अच्छी गुणवत्तापूर्ण नींद लें
बिगड़ी स्लीप साइकिल भी हाई ब्लड शुगर का कारण हो सकती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकती है। नींद की कमी आपके कोर्टिसोल के स्तर को भी बढ़ाती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इससे टाइप-2 मधुमेह और हृदय रोगों के जोखिम भी बढ़ते हैं और यह बढ़ते वजन की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, वयस्कों के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।