
भरतनाट्यम डांस के 5 स्वास्थ्य लाभ, जानिए कैसे शरीर को रखता है स्वस्थ
क्या है खबर?
भरतनाट्यम भारत के प्राचीनतम कला में से एक है, जो तमिलनाडु राज्य से शुरू हुआ है।
यह नृत्य न केवल कला का एक सुंदर रूप है, बल्कि इसमें कई शारीरिक और मानसिक लाभ भी छिपे हुए हैं। भरतनाट्यम करते समय शरीर के कई हिस्से सक्रिय रहते हैं और मानसिक शांति मिलती है।
आइए जानते हैं कि कैसे भरतनाट्यम शरीर को स्वस्थ रख सकता है।
#1
मांसपेशियों को मजबूत करने में है सहायक
भरतनाट्यम एक ऐसा नृत्य है, जिसमें हाथ-पैर, कमर और गर्दन आदि हिस्सों का उपयोग होता है।
इसे नियमित रूप से करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है। इसमें किए जाने वाले स्टेप्स से हाथ-पैर की मांसपेशियों को टोन करने में मदद मिलती है।
इसके अलावा भरतनाट्यम करने से शरीर की लचीलापन बढ़ती है और मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे उनकी मजबूती में सुधार होता है।
#2
संतुलन बनाए रखने में है कारगर
भरतनाट्यम करते समय संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। इसके दौरान पैरों पर पूरा भार डालकर ही कदम उठाए जाते हैं, जिससे शरीर का संतुलन बेहतर होता है।
नियमित रूप से भरतनाट्यम करने से शरीर का संतुलन सुधारता है और यह गतिविधि संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
इसके अलावा यह नाच मानसिक संतुलन भी बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति अधिक स्थिर और केंद्रित महसूस करता है।
#3
दिल को स्वस्थ रखने में है मददगार
भरतनाट्यम करते समय तेज गति से कदम उठाए जाते हैं, जिससे दिल की धड़कन बढ़ती है और खून का संचार बेहतर होता है।
यह नृत्य दिल के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है क्योंकि इससे दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
नियमित रूप से भरतनाट्यम करने से खून का दबाव संतुलित रहता है और शरीर में ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है। इस प्रकार भरतनाट्यम दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है।
#4
मानसिक शांति प्राप्त करने का है अच्छा तरीका
भरतनाट्यम करते समय ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। इस दौरान संगीत और ताल के साथ नाचते हुए मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
भरतनाट्यम करने से ध्यान शक्ति बढ़ती है और मानसिक स्थिरता में सुधार होता है।
यह गतिविधि न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। नियमित रूप से भरतनाट्यम करने से व्यक्ति अधिक संतुलित और केंद्रित महसूस करता है।
#5
लचीलापन बढ़ाने में है सहायक
भरतनाट्यम करते समय पैरों, हाथों और कमर को अलग-अलग तरीके से मोड़ा जाता है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
नियमित रूप से भरतनाट्यम करने से शरीर की मांसपेशियां खुलती हैं और उनमें लचीलापन आता है।
इसके अलावा यह नाच गतिविधि शरीर की गतिशीलता को भी बढ़ाती है।
भरतनाट्यम करने से शरीर की लचीलेपन की क्षमता में सुधार होता है, जिससे व्यक्ति अधिक आरामदायक महसूस करता है।