जैसलमेर की यात्रा पर जा रहे हैं? देखना न भूलें वहां के 5 मशहूर पर्यटन स्थल
राजस्थान का जैसलमेर अपनी सुनहरी रेत और ऐतिहासिक किलों के लिए मशहूर है। इसे 'सोनार किला' या 'स्वर्ण नगरी' भी कहा जाता है। यहां की वास्तुकला और संस्कृति पर्यटकों को आकर्षित करती है। थार रेगिस्तान के बीच स्थित यह शहर अपने अनोखे अनुभवों के लिए जाना जाता है। जैसलमेर का किला, हवेलियां, और रेगिस्तान सफारी हर यात्री को अलग दुनिया में ले जाते हैं। अगर आप रोमांच चाहते हैं तो जैसलमेर की यात्रा के दौरान ये पर्यटन स्थल देखें।
सोनार किला
जैसलमेर का सोनार किला राजस्थान के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह किला 1156 ईस्वी में राजा रावल जैसल द्वारा बनवाया गया था। इस किले की दीवारें पीले बलुआ पत्थर से बनी हैं, जो सूरज की रोशनी में सोने जैसी चमकती हैं। इस किले के अंदर कई मंदिर, महल और हवेलियां हैं, जो राजस्थानी वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यहां से पूरे शहर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है।
पटवों की हवेली
पटवों की हवेली जैसलमेर की सबसे पुरानी और भव्य हवेलियों में से एक है। इसे 1805 ईस्वी में गोपालदास पटवा द्वारा बनवाया गया था। यह 5 अलग-अलग हवेलियों का समूह है, जो अपनी जटिल नक्काशी और सुंदर झरोखों के लिए मशहूर है। इन हवेलियों में आपको राजस्थानी कला और शिल्पकला का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। यहां की दीवारों और छतों पर की गई बारीक कारीगरी बहुत सुंदर है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
सैम सैंड ड्यून्स
सम सैंड ड्यून्स जैसलमेर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित हैं। यहां आप ऊंट की संवारी या जीप सफारी का आनंद ले सकते हैं। यहां शाम को सूर्यास्त देखना एक यादगार अनुभव है, जब सूरज धीरे-धीरे रेत पर अपनी किरणें बिखेरता हुआ ढलता है। रात को कैंपिंग करते हुए राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य का आनंद लेना भी एक अनोखा अनुभव होता है। यह आपकी यात्रा को और भी खास बना देगा।
गड़ीसर झील
गड़ीसर झील जैसलमेर शहर के पास स्थित एक सुंदर जलाशय है, जिसे महाराजा गड़सी सिंह ने 14वीं शताब्दी में बनवाया था। यह झील पर्यटकों को शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करती है, जहां वे नौका विहार कर सकते हैं या किनारे बैठकर सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। झील के आसपास कई छोटे मंदिर और छतरियां भी हैं, जो इस स्थान की शोभा बढ़ाते हैं।
कुलधरा गांव
कुलधरा गांव जैसलमेर से लगभग 18 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राचीन गांव है, जिसे पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। हालांकि, किसी अज्ञात कारण से उन्होंने रातों-रात इस गांव को खाली कर दिया था। अब यह गांव खंडहर हो चुका है, लेकिन इसकी रहस्यमयी कहानी पर्यटकों को आकर्षित करती रहती है। अगर आप राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्थलों और रोमांचकारी गतिविधियों का आनंद लेना चाहते हैं तो जैसलमेर आपकी यात्रा सूची में जरूर शामिल होना चाहिए।