दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर यमुना, हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
यमुना में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को 24,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है, जिससे यमुना पर बने पुलों और आसपास बने घरों पर खतरा मंडरा रहा है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड की बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें
बीते सप्ताह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के कारण राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ी राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण जानमाल का काफी नुकसान हुआ है।
रविवार को हथनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
नदियों के बढ़े जलस्तर के बाद रविवार शाम को हथनी कुंड बैराज से 8,28,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था। हर सेकंड 28.317 लीटर पानी छोड़ना एक क्यूसेक के बराबर होता है। सोमवार को बाढ़ की आशंका को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक बुलाई थी। इसके बाद केजरीवाल ने कहा था कि सोमवार शाम तक यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। इसके चलते दिल्ली के निचले इलाकों और नोएडा में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया
दिल्ली सरकार ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए 2,100 से अधिक टेंट लगाए हैं। ऐहतियात के तौर पर लोहा पुल पर वाहनों की आवाजाही भी रोक दी है। सोमवार को यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था और इसके 207 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है। इससे पहले 2013 में यमुना का जलस्तर इस स्तर तक पहुंचा था, जिससे सैंकड़ों घरों और खेती की जमीन को नुकसान पहुंचा था।
2013 में 207 मीटर से ऊपर पहुंचा था जलस्तर
बाढ़ आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर 207 मीटर के निशान को पार सकता है। लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से हटाने के लिए विभाग ने अधिकारियों को तैनात किया है और लोगों को यमुना से दूर रहने को कहा गया है। पिछले साल 31 जुलाई को यमुना के जलस्तर ने 206.5 मीटर का और 2013 में 207.32 मीटर का निशान पार किया था।
दिल्ली सरकार ने लगाया हरियाणा पर सहयोग न करने का आरोप
सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि 2013 में हरियाणा ने 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था। इस बार इससे भी ज्यादा पानी छोड़ा गया है। हरियाणा सरकार ने पानी छोड़ने से पहले दिल्ली सरकार से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया। सरकार ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हेल्पलाइन (011-22421656) शुरू की है।
उत्तरी राज्यों में बाढ़ से 58 लोगों की मौत
देश के उत्तरी राज्यों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के चलते अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से कई पर्यटक फंस गए हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से कई घर बह गए। पंजाब सरकार ने बाढ़ का प्राकृतिक आपदा घोषित किया है और इससे प्रभावित इलाकों के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।