बेकाबू होने पर कैसे कोरोना से बड़ा खतरा बन सकता है निपाह वायरस?
केरल में निपाह वायरस के कारण हुई 12 वर्षीय लड़के की मौत ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित केरल में एक और बीमारी सरकार के सामने नई चुनौती बनकर आई है। खतरे को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार ने अपने-अपने स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी है। चिंता है कि अगर संक्रमण को नियंत्रण में नहीं किया गया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।
निपाह वायरस को लेकर चिंता की बात क्या है?
निपाह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर यह नियंत्रण से बाहर होता है तो जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। कोरोना महामारी की मृत्यु दर जहां 1-2 प्रतिशत है, वहीं निपाह वायरस की मृत्यु दर 75 प्रतिशत है। भले ही निपाह वायरस कोरोना जितना नहीं फैलेगा, लेकिन इसका छोटा संक्रमण भी पहले से दबाव झेल रही स्वास्थ्य व्यवस्था की मुश्किलें और बढ़ा देगा। इसका उपचार मौजूद न होना सबसे बड़ी परेशानी का कारण है।
निपाह वायरस कहां से आया?
निपाह की शुरुआत को लेकर अलग-अलग मत सामने आए हैं। कुछ रिसर्च में बताया गया है कि निपाह वायरस चमगादड़ों से इंसानों में आया था। जब चमगादड़ों को दोबारा इस वायरस से संक्रमित करने की कोशिश की गई तो वो बीमार नहीं पड़े थे। वहीं कुछ में इसे सुअरों के जरिये इंसानों तक पहुंचने और कुछ में कुत्ते, बिल्ली और चूहों के माध्यम से इंसानों तक पहुंचने की बात कही गई है।
निपाह वायरस कैसे फैलता है?
निपाह एक जूनेटिक वायरस है। इसका मतलब है कि यह इंसानों से पशुओं में, पशुओं से पशुओं में और पशुओं से इंसानों में फैल सकता है। निपाह वायरस वाले चमगादड़ खजूर और दूसरे फलों को संक्रमित कर देते हैं। दूषित फलों को खाने पर यह वायरस इंसानों में पहुंच जाता है। इसके अलावा यह चमगादड़ों और सुअरों के सीधे संपर्क में आने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
इसके लक्षण क्या हैं?
निपाह वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन मध्यम और गंभीर संक्रमण के बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टियां होना और गले में खरास जैसे लक्षण होते हैं। कुछ संक्रमितों में चक्कर आना, एक्युट एनसेफ्लाइटिस, मिर्गी के दौरे और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण भी देखे गए हैं और कई मरीज कोमा में भी जा सकते हैं। संक्रमित होने के 1-14 दिनों के बीच इसके लक्षण नजर आने लगते हैं।
संक्रमण से ठीक होने के बाद क्या होता है?
निपाह से संक्रमित अधिकतर लोग पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। हालांकि, संक्रमित रहने के दौरान एक्युट एनसेफ्लाइटिस से पीड़ित होने वाले मरीजों में कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
निपाह वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। दूषित फलों, खासकर दूषित खजूर को खाने से बचें। फल खाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें। इसके अलावा फलों को दूषित होने से बचाने के लिए उनकी अच्छी तरह ढक कर रखा जा सकता है। कच्चा या अधपका मांस खाने और इससे बने उत्पादों को कच्चा खाने से बचे। खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोएं और संक्रमित व्यक्ति से पर्याप्त दूरी बनाए रखें।