बीजापुर मुठभेड़: क्या नक्सलियों के कब्जे में है लापता जवान? अज्ञात फोन के बाद गहराया शक
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तारेम इलाके में शनिवार को सुरक्षाकर्मियों की नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में लापता हुए जवान राकेश्वर सिंह मनहास (35) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
बताया जा रहा है कि उसे नक्सलियों ने बंधक बना लिया है। एक पत्रकार के पास आई अज्ञात फोन कॉल में इसका खुलासा हुआ है।
हालांकि, नक्सलियों की ओर से अभी तक इस संबंध में सेना से कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन शक गहराता जा रहा है।
प्रकरण
नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए हैं 22 जवान
बता दें कि शनिवार को नक्सलरोधी अभियान के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कोबरा कमांडो टीम, जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टीमें तारेम इलाके में नक्सलियों की तलाश में जुटी थी।
उसी दौरान छिपे बैठे 400 नक्सलियों ने घेराबंदी कर जवानों पर हमला कर दिया था। इसमें कुल 22 जवान शहीद हो गए।
इसके अलावा कोबरा कमांडो टीम के जवान राकेश्वर सिंह लापता हैं। सेना तब से ही उनकी तलाश में जुटी है।
शहीद
DRG के शहीद हुए सबसे अधिक जवान
हमले में DRG के उप निरीक्षक दीपक भारद्वाज, मुख्य आरक्षी रमेश जुर्री, नारायण सोढ़ी, आरक्षक रमेश कोरसा, सुभाष नायक, सहायक आरक्षक किशोर एंड्रिक, सनकूराम सोढ़ी, भोसाराम करटामी शहीद हुए हैं।
इसी तरह STF के प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप, आरक्षक रामदास कोर्राम, जगतराम कंवर, सुखसिंह फरस, रमाशंकर पैकरा और शंकर नाग तथा कोबरा बटालियन के निरीक्षक दिलीप कुमार दास, प्रधान आरक्षक राजकुमार यादव, शंभूराय, धर्मदेव कुमार, सखा मुरारी कृष्ण, बबलू रंभा और बस्तरिया बटालियन के आरक्षक समैया माड़वी शहीद हुए हैं।
शक
सेना के भी जताया राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने का शक
इंडिया टुडे के अनुसार राकेश्वर सिंह के लापता होने के बाद से उनकी तलाश जारी है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लगा है। हालांकि, सेना अधिकारियों ने अब तक हाथ लगी सूचनाओं के आधार पर उनके नक्सलियों के कब्जे में होने की आशंका जताई है।
उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने अभी तक इस संबंध में सेना से कोई संपर्क नहीं किया है, लेकिन पुख्ता सूचनाओं का अभाव उनके नक्सलियों के कब्जे में होने का संदेह बढ़ा रहा है।
फोन
नक्सलियों ने स्थानीय पत्रकार को किया फोन
इधर, एक स्थानीय पत्रकार ने राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने की बात कही है। उन्होंने बताया कि उनके पास अज्ञात कॉल आई थी और उसमें कहा गया था कि जवान उनके कब्जे में है और सुरक्षित है।
पत्रकार ने यह भी बताया कि फोन करने वाले ने खुद का नाम हिडमा बताया है।
बता दें कि हिडमा पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) का प्रमुख है। इस हमले के पीछे उसकी की अहम भूमिका सामने आ रही है।
अपील
राकेश्वर सिंह की पत्नी ने प्रधानमंत्री मोदी से की अपील
राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने से संबंधित फोन आने की सूचना पर सिंह की पत्नी मीनू को एक नई उम्मीद बंध गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अभिनंद वर्थमान की तरह उनके पति को भी सुरक्षित वापस लाने की अपील की है।
इधर, CRPF ने अधिकारियों को राकेश्वर सिंह के घर भेजकर परिवार को मामले की सच्चाई का पता लगाने का प्रयास करने का भरोसा दिलाया है।
जानकारी
मीने ने की पत्रकार के बात
इस मामले में सेना अधिकारियों और मीनू ने पत्रकार से बात की है। पत्रकार ने उनसे राकेश्वर सिंह की रिहाई की गुहार लगाने का एक वीडियो जारी करने को कहा है। हालांकि, इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया है।