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    #NewsBytesExplainer: क्या होता है विरासत कर, जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा में छिड़ा विवाद?
    विरासत कर पर सैम पित्रोदा के बयान के बाद विवाद छिड़ गया है

    #NewsBytesExplainer: क्या होता है विरासत कर, जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा में छिड़ा विवाद?

    लेखन आबिद खान
    Apr 24, 2024
    05:33 pm

    क्या है खबर?

    चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। उन्होंने अमेरिका में व‍िरासत कर का हवाला देते हुए भारत में भी इस पर चर्चा करने की पैरवी की है।

    विवाद खड़ा होने के बाद उनके इस बयान को कांग्रेस ने निजी बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है।

    आइए जानते हैं आखिर विरासत कर होता क्या है।

    बयान

    सबसे पहले जानिए सैम पित्रोदा ने क्या कहा?

    अमेरिका के शिकागो में पित्रोदा ने कहा, "अमेरिका में विरासत कर लगता है। अगर किसी के पास अरबों की संपत्ति है तो मरने के बाद उसकी केवल 45 प्रतिशत संपत्ति उसके बच्चों के पास जाती है, बाकी 55 प्रतिशत सरकार रखती है। यह दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, पूरी नहीं, आधी। भारत में भी इस पर विचार हो।"

    विरासत कर

    क्या होता है विरासत कर?

    विरासत कर ऐसा कर है, जो संपत्ति पर लगता है, लेकिन यह संपत्ति कर नहीं है। मुख्य तौर पर यह अमेरिका में प्रचलित है।

    यह वह कर है, जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस संपत्ति पर लगता है, जो उसके उत्तराधिकारियों को मिलनी होती है। विरासत में मिलने वाली संपत्ति के हस्तांतरण से पहले यह कर लगता है।

    अमेरिका और जापान समेत दुनियाभर के कई देशों में विरासत कर लिया जाता है।

    उदाहर

    उदाहरण से समझिए विरासत कर 

    एक उदाहरण से इसे समझते हैं। मान लीजिए किसी देश में विरासत कर 40 प्रतिशत है और यहां एक शख्स के पास एक करोड़ रुपये की संपत्ति है।

    इस व्यक्ति की मृत्यु के बाद संपत्ति उत्तराधिकारियों के नाम होने से पहले इस पर 40 लाख रुपये का कर लगेगा और 60 लाख रुपये की संपत्ति ही उत्तराधिकारियों को मिलेगी।

    यदि उत्तराधिकारियों की संख्या एक से ज्यादा है तो सबके हिस्से में आ रही संपत्ति के हिसाब से कर लगेगा।

    वजह

    क्यों लगाया जाता है विरासत कर?

    विरासत कर लगाने के पीछे आमतौर पर 2 बड़ी वजहें मानी जाती हैं। पहली, ये सरकार की आय का स्त्रोत होता है। सरकार को इससे आय होती है, जिसका इस्तेमाल देश में दूसरे विकास कार्यों पर किया जाता है।

    इस कर का दूसरा बड़ा मकसद समाज में आर्थिक भेदभाव दूर करना भी है। कई देशों की सरकारें चाहती हैं कि सारी पूंजी केवल चंद लोगों के पास ही जमा न हो, इसलिए उसका वितरण करना जरूरी है।

    देश

    किन-किन देशों में लगता है विरासत कर?

    अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, पोलैंड, इटली, फ्रांस, स्पेन, बेल्जियम, डेनमार्क और दक्षिण कोरिया समेत दर्जनों देशों में विरासत कर लागू है। जापान में तो इसकी दर 55 प्रतिशत है।

    अमेरिका में ये केंद्रीय स्तर पर नहीं लगता है, बल्कि अलग-अलग नियम कानूनों के साथ 6 राज्यों ने इसे लागू कर रखा है। इससे बचने के लिए लोग मरने से पहले ही संपत्ति उत्तराधिकारी के नाम कर देते हैं या बतौर उपहार दे देते हैं।

    भारत

    भारत में क्या विरासत कर जैसा कोई प्रावधान है?

    भारत में कोई विरासत कर नहीं है। अगर आपको कोई संपत्ति विरासत में मिली है तो कोई कर नहीं देना होगा।

    हालांकि, 1985 तक भारत में एस्टेट ड्यूटी कानून लागू था। इसके तहत विरासत में प्राप्त की गई संपत्ति के कुल मूल्य के 85 फीसदी तक एस्टेट ड्यूटी देनी पड़ती थी। 1985 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे खत्म कर दिया था।

    तब तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह ने कहा था कि ये कानून अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हुआ।

    प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "कांग्रेस अब विरासत कर लगाएगी, यानी माता-पिता से मिलने वाली संपत्ति पर भी कर लगाया जाएगा। आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी। जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस आपको ज्यादा कर से मारेगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे, तो वो आप पर विरासत कर का बोझ लाद देगी।"

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