
पहलगाम हमला: क्या है सिंधु जल समझौता, जिसे भारत ने पाकिस्तान के साथ रद्द कर दिया?
क्या है खबर?
भारत और पाकिस्तान एक बार फिर आमने-सामने हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत सरकार ने सिंधु जल संधि (IWT) को रद्द कर दिया है।
इसके साथ भारत ने अटारी सीमा को भी बंद करने का आदेश जारी दिया है और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने को कहा गया है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि सिंधु जल संधि और इसके लेकर क्या विवाद है।
संधि
क्या है सिंधु जल संधि?
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच 19 सितंबर, 1960 को विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि हुई थी।
इसके तहत सिंधु घाटी में बहने वाली तीन पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।
नदियां भारत से होकर बहती हैं, इसलिए पश्चिमी नदियों के 20 प्रतिशत पानी का इस्तेमाल भारत सिंचाई और अन्य सीमित कार्यों के लिए कर सकता है।
विवाद
संधि को लेकर कब और क्यों शुरू हुआ विवाद?
इस संधि को लेकर भारत और पाकिस्तान से बीच साल 1978 से विवाद शुरू हुआ था, जब भारत ने पश्चिमी नदियों पर बांध परियोजनाओं का निर्माण शुरू किया।
पाकिस्तान ने आपत्ति जताई कि इन परियोजनाओं के निर्माण से नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा। हालांकि, तब यह मुद्दा आपसी बातचीत से सुलझ गया था।
साल 2007 में जम्मू-कश्मीर में बगलिहार बांध को लेकर दोनों देश फिर आमने-सामने आए थे और विश्व बैंक ने इसमें मध्यस्थता की थी।
हमला
पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है।
घाटी में आतंक फैलाने में हमेशा से पाकिस्तान की भूमिका रही है और इस बार भी ऐसे संकेत मिले हैं कि पहलगाम हमले में भी पाकिस्तान का हाथ है।
हमले में 3 से 4 आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से 2 बाहरी और 2 स्थानीय थे।
खुफिया एजेंसियों का दावा है कि आतंकी पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे।
प्रतिक्रिया
अब भारत सरकार ने क्या फैसले लिए?
भारत में पाकिस्तान के सभी सैन्य सलाहकारों को एक हफ्ते में भारत छोड़ने को कहा गया है। भारत भी पाकिस्तान से अपने सलाहकारों को वापस बुलाएगा।
दोनों देशों में उच्चायोगों की कुल संख्या घटाकर 30-30 करने का फैसला लिया गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है। भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को नए वीजा जारी करने पर भी रोक लगा दी है।
अटारी सीमा को भी बंद करने का आदेश दिया गया है।