आत्महत्या का ख्याल आने पर केवल 15 प्रतिशत छात्रों ने ली है मदद, सर्वे में खुलासा
आत्महत्या को लेकर अब भी छात्र पूरी तरह जागरूक नहीं है। ऐसे बुरे ख्याल आने पर केवल 15 प्रतिशत छात्र ही पेशेवर मदद ले पाते हैं, जबकि 69 प्रतिशत आत्महत्या के संकेतों को पहचान नहीं सकते। यह खुलासा आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के तहत मानसिक स्वास्थ्य देखभाल पहल 'एमपावर' के सर्वेक्षण में हुआ। सर्वेक्षण दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज और आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज सहित 30 कॉलेजों में हुआ, जहां छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंताजनक जानकारी सामने आई।
सर्वेक्षण में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
सर्वेक्षण में पता चला कि 69 प्रतिशत छात्र आत्महत्या के बारे में विचार कर रहे किसी व्यक्ति के साफ संकेतों को नहीं पहचान सकते, जबकि अधिकांश ने आत्महत्या के जोखिम के संकेतों को न पहचानने की बात कही। 31 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि वे सामाजिक अलगाव जैसे प्रमुख संकेतों को पहचानने में सक्षम थे। सर्वेक्षण में 67.3 प्रतिशत छात्रों ने किसी न किसी समय निराशा महसूस की और 58.4 प्रतिशत ने शैक्षणिक दबाव को तनाव का प्रमुख कारण बताया।
अधिकतर छात्र लेते हैं अपने दोस्त की मदद
सर्वेक्षण में पता चला कि आत्महत्या का ख्याल आने पर या मानसिक संकट के समय केवल 15 प्रतिशत छात्रों ने अब तक पेशेवर लोगों की मदद ली है। इसके अलावा अधिकांश 58 प्रतिशत लोग सबसे पहले अपने मित्रों की सहायता लेते हैं, जबकि मात्र 2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे परामर्शदाता या प्रोफेसर की सहायता लेते हैं। सर्वेक्षण से देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सहायता की गंभीर कमी सामने आई है।
नौकरीपेशा और बेरोजगार ज्यादा कर रहे आत्महत्या
पिछले दिनों IC3 कॉन्फ्रेंस और एक्सपो 2024 के दौरान 'स्टूडेंट सुसाइड-एन एपिडेमिक स्वीपिंग इंडिया रिपोर्ट' सामने आई, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े थे। इसमें पता चला कि भारत में 2021 में 13,089 छात्रों ने आत्महत्या की, वहीं 10 साल में करीब 1 लाख छात्रों ने अपनी जान दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में आत्महत्या करने वालों में 25.6 प्रतिशत दिहाड़ी मजदूर, 12.3 प्रतिशत स्वरोजगार, 9.7 प्रतिशत नौकरीपेशा, 8.4 प्रतिशत बेरोजगार, 8.0 प्रतिशत छात्र और 6.6 प्रतिशत किसान शामिल हैं।
यहां से लें सहायता
अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप समाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 या आसरा NGO के हेल्पलाइन नंबर 91-22-27546669 पर संपर्क करें।