दलाई लामा को मिली जेड सुरक्षा, खतरे की सूचना के बाद गृह मंत्रालय का फैसला
क्या है खबर?
तिब्बती धर्मगुरु और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (89) पर खतरे की आशंका को देखते गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। उनको जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो की खतरा आकलन रिपोर्ट में दलाई लामा के जीवन को खतरा बताया गया है, जिसके बाद मंत्रालय ने यह फैसला लिया।
पिछले कई वर्षों से खुफिया रिपोर्टों में चीन समर्थित तत्वों सहित विभिन्न संस्थाओं से दलाई लामा के जीवन को खतरा बताया जा रहा है।
सुरक्षा
तिब्बती धर्म गुरु को मिलेंगे 33 सुरक्षाकर्मी
जेड श्रेणी की सुरक्षा के तहत तिब्बती धर्म गुरु को कुल 33 सुरक्षाकर्मी मंत्रालय की ओर से दिए जाएंगे।
इसमें हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में उनके आवास पर तैनात सशस्त्र गार्ड, 24 घंटे तैनात रहने वाले निजी सुरक्षा अधिकारी और शिफ्ट में सशस्त्र अनुरक्षण करने वाले कमांडो शामिल हैं।
इसके अलावा, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित ड्राइवर और निगरानी कर्मी भी हर समय ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाती है।
पहचान
1959 से भारत में हैं दलाई लामा
दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु हैं। वह तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन का सार्वभौमिक रूप से मान्य चेहरा हैं और चीनी शासन की वजह से तिब्बत से निर्वासित हैं।
तिब्बत में चीन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद साल 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली थी। तभी से वह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं और यहां एक बड़ा धार्मिक केंद्र बनाया हुआ है।
चीन उनके भारत निर्वासन का विरोध करता है।
सुरक्षा
कितनी श्रेणी की सुरक्षा?
भारत में VIP लोगों को 6 तरह की सुरक्षा प्रदान की जाती है। इन्हें एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और SPG श्रेणी में बांटा गया है, जिसमें 'एक्स' सबसे निम्न और 'जेड प्लस' सबसे उच्च श्रेणी होती है।
SPG श्रेणी की सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री को दी जाती है। खुफिया एजेंसियां VIP लोगों की समीक्षा कर निर्णय लेती है कि कौनसी श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
फिलहाल करीब 300 लोगों को अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।
जानकारी
दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर सवाल
दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर चीन जोर दे रहा है। उसका कहना है कि वह उत्तराधिकारी तय करेगा, जबकि दलाई लामा कहते हैं कि वह खुद स्पष्ट करेंगे, जिसमें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार पुनर्जन्म भी शामिल है। अपने 90वें जन्मदिन पर लामा घोषणा करेंगे।