बिपिन रावत हेलीकॉप्टर हादसा: ग्रुप कैप्टन वरुण का अपने स्कूल को लिखा खत वायरल
तमिलनाडु में बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत समेत 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई। हादसे में एकमात्र जीवित बचे शख्स ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने कुछ समय पहले अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने छात्रों से कई बातें कही थी। यह चिट्ठी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जानिए उन्होंने इसमें क्या कुछ लिखा।
शौर्य चक्र से नवाजे जाने के बाद लिखी थी चिट्ठी
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने तेजस विमान को उड़ाते समय तकनीकी समस्या आने के बाद भी सफलतापूर्वक लैंड कराया था। इसी कारण उन्हें इस साल अगस्त में शौर्य चक्र से भी नवाजा गया था। इसके बाद सितंबर में उन्होंने हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को यह पत्र लिखा था। बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण अभी अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। उन्हें बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मैं यह पत्र औसत दर्जे के छात्रों के लिए लिख रहा- कैप्टन वरुण
ग्रुप कैप्टन वरुण ने पत्र में लिखा कि यह पत्र खुद की तारीफ या अपनी पीठ थप-थपवाने के लिए नहीं लिख रहे, बल्कि यह पत्र उन बच्चों के लिए मददगार साबित हो सकता है जो सोचते हैं कि प्रतिस्पर्धा की इस दुनिया में वह औसत दर्जे के छात्र हैं। उन्होंने लिखा, 'किसी भी छात्र का औसत दर्जे का होना ठीक है, लेकिन यह किसी भी तरह उसके सामर्थ और उसके जीवन में आने वाली चीजों का पैमाना नहीं हो सकता।'
औसत दर्जे का छात्र था- कैप्टन वरुण
उन्होंने लिखा कि मैं इतना औसत दर्जे का छात्र था कि 12वीं में मुश्किल से प्रथम श्रेणी के नंबर ला पाया था। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज की दूसरी गतिविधियों में भी समान रूप से औसत था, लेकिन मुझे हवाई जहाज का बहुत ज्यादा शौक था।
"अपने मन की सुनिए, काम के प्रति समर्पित रहिए"
पत्र में कहा गया, 'आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी।' उन्होंने लिखा, 'अपने मन की आवाज सुनिए। यह कला हो सकती है, संगीत हो सकता है, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य इत्यादि। आप जो भी काम कीजिये उसके प्रति समर्पित रहिये, अपना सर्वोत्तम दीजिये। कभी यह सोचकर सोने मत जाइये कि आपने कम प्रयास किया।'
कैप्टन वरुण ने आत्मविश्वास पर दिया जोर
ग्रुप कैप्टन वरुण ने प्रिंसिपल को लिखे चार पन्नों के पत्र में सबसे ज्यादा आत्मविश्वास पर जोर दिया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि जब उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की तरफ से बुलाया गया था तो उनमें तभी भी विश्वास की कमी थी। उन्होंने कहा, "मैंने अपने बारे में हमेशा सोचा की मैं औसत हूं और इतनी कठिन दुनिया में उत्कृष्टता पाने के लिए कोशिश करने का भी कोई मतलब नहीं है।"