सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाने के साथ ही चुनाव आयोग को जल्द ही चुनाव कराने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि नए परिसीमन के अनुसार 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराए जाएं। साथ ही उन्होंने राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने को भी कहा है।
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा
पीठ में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के साथ न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत भी शामिल रहे। इस दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह निर्धारित करना जरूरी नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठन वैध है या नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा गया है क्योंकि अनुच्छेद-3 राज्य के एक हिस्से को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की अनुमति देता है।
जम्म-कश्मीर में 2014 में हुआ था अंतिम चुनाव
जम्मू-कश्मीर राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में नवंबर-दिसंबर में हुआ था। इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और भाजपा ने गठबंधन से सरकार बनाई थी। मुख्यमंत्री PDP के मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे। जून, 2018 में भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया और राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया। इसके बाद नवंबर 2018 में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। यहां 20 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति शासन लगा। इसके बाद से विधानसभा चुनाव बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आ गया फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के राष्ट्रपति के आदेश को वैध ठहराया है। इसके अलावा राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले को भी सही ठहराया गया। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान और युद्ध के समय एक अस्थायी समाधान था। 5 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया था।