शिवसेना मामला: सुप्रीम कोर्ट की स्पीकर को कड़ी फटकार, 1 हफ्ते में सुनवाई करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने में देरी को लेकर स्पीकर राहुल नार्वेकर को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि मामले को अनिश्चितकाल के लिए नहीं टाला जा सकता है और कोर्ट के 11 मई के आदेश के बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कोर्ट ने स्पीकर से एक हफ्ते के अंदर याचिकाओं पर सुनवाई करने को कहा है।
क्या है मामला?
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद सुनील प्रभु द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। पीठ ने स्पीकर द्वारा इन्हीं याचिकाओं पर फैसला लेने में देरी को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
कोर्ट ने क्या कहा?
CJI की पीठ ने कहा कि (शिवसेना के) 56 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर दोनों पक्षों की एक-दूसरे के खिलाफ दायर कुल 34 याचिकाएं लंबित हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाओं को एक हफ्ते की अवधि के भीतर स्पीकर के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिस पर स्पीकर को रिकॉर्ड पूरा करने और सुनवाई के लिए समय निर्धारित करने के लिए प्रक्रियात्मक निर्देश जारी करने होंगे। उसने कहा कि यह मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता है।
उद्धव गुट ने कोर्ट में क्या कहा?
उद्धव ठाकरे के गुट की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि 11 मई के आदेश के बाद स्पीकर की कथित निष्क्रियता के कारण याचिका दायर की गई है। उन्होंने कहा, "अयोग्यता याचिकाओं पर 14 सितंबर को कोर्ट में याचिका सूचीबद्ध होने के बाद ही कार्रवाई शुरू हुई। स्पीकर नार्वेकर ने पिछले सप्ताह अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, लेकिन केवल कुछ घंटों में शिंदे गुट के वकीलों के दावों के बाद इसे स्थगित कर दिया।"
11 मई को क्या फैसला सुनाया गया था?
11 मई को कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने महाराष्ट्र के स्पीकर से समयसीमा के अंदर विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने को कहा था। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाओं पर निर्णय होने तक शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
संजय राउत ने स्पीकर पर साधा निशाना
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब कुछ विधायक और सांसद किसी पार्टी को छोड़ देते हैं तो इसे पार्टी में टूट नहीं कहा जाता है। ये सांसदों और विधायकों के फैसले हैं और एक पार्टी बरकरार रहती है।" उन्होंने कहा, "हमारे स्पीकर 6 महीने से क्या कर रहे हैं? वे एक अनैतिक और अवैध सरकार के कामकाज का समर्थन कर रहे हैं। यह संविधान और कानून के प्रति विश्वासघात है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
शिंदे ने पिछले साल जून में 40 विधायकों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव के खिलाफ बगावत कर दी थी और इससे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई थी। कई दिनों तक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। शिवसेना के 2 धड़ों में बंटने के बाद मामला चुनाव आयोग और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।